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अल्मोड़ा: उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने​ विभिन्न मांगों को लेकर सीईओ को सौंपा ज्ञापन, वरिष्ठता निर्धारिण को लेकर की यह मांग

अल्मोड़ा: उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की जिला इकाई के पदाधिकारियों द्वारा मंगलवार को वरिष्ठता निर्धारित करने, पदोन्नति, प्रोन्नत एवं चयनित वेतनमान, लंबे समय से लंबित पड़े विभिन्न देयकों के भुगतान समेत कई मांगों को लेकर प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी सत्यनारायण को ज्ञापन सौंपा। पदाधिकारियों ने मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने व शिक्षक हित को ध्यान में रखकर समस्याओं का निस्तारण करने की मांग की है।

ये है मांगें-

1- उत्तराखण्ड प्रारंभिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 2012 की धारा 18 (2) व 19 (3) क में पोषक संवर्ग में मौलिक नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता निर्धारण का प्राविधान है। प्रधानाध्यापक जू.हा. पद का पोषक संवर्ग स.अ. रा उच्च प्राथमिक व प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय है। जबकि जूनियर हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए संयुक्त वरिष्ठता सूची स.अ. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा प्र.अ. राजकीय प्राथमिक विद्यालय पद पर मौलिक नियुक्ति पदोन्नति तिथि से न बनाते हुए स.अ. प्राथमिक विद्यालय में प्रथम नियुक्ति तिथि से बनायी गयी है। जिससे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सीधी भर्ती से नियुक्त स.अ., अपने से बाद में पदोन्नत स.अ./ प्राथमिक विद्यालयों के प्र.अ. से कनिष्ठ हो गये है। इस सम्बन्ध में निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड ने 7 अप्रैल 2017 द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित रिट याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में स्पष्ट निर्देश दिये गये है।

पदाधिकारियों ने ने तथ्यों को ध्यान में रखते हुए स.अ. राजकीय जूनियर हाई स्कूल व प्र.अ. राजकीय प्राथमिक विद्यालय की संयुक्त वरिष्ठता, प्र.अ. राजकीय जूनियर हाई स्कूल के पोषक संवर्ग (स.अ. रा.जू.हा. व प्र.अ. रा.प्रा.वि.) में मौलिक नियुक्ति/ पदोन्नति तिथि से निर्धारित करने की मांग की है। कहा कि वरिष्ठता निर्धारित नहीं होने पर वह उच्च न्यायालय में वाद दायर करने को बाध्य होंगे।

2- जनपद में राज्य सैक्टर के राजकीय जूनियर हाईस्कूलों में केवल 3 पदों पर ही पदोन्नतियों की जा रही है। जबकि राज्य सैक्टर के जूनियर हाई स्कूलों में 3 स.अ. और प्र.अ. के पद स्वीकृत हैं। जिससे अधिकांश शिक्षक सम्पूर्ण सेवाकाल में मिलने वाली एकमात्र पदोन्नति से वंचित हो रहे है। तथा विद्यालयो में भी विषयवार शिक्षकों की कमी हो रही है। राजकीय जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों के स्वीकृत समस्त पदो के सापेक्ष पदोन्नति की जाय। पदोन्नति के बाद निर्धारित अवधि में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर प्रतीक्षा सूची से पदोन्नति की जाय।

3- जनपद स्तर पर पदोन्नति से पूर्व वरिष्ठता सूची तथा विषयवार वास्तविक रिक्तियों का प्रकाशन किया जाय।

4- शिक्षकों के प्रोन्नत व चयन वेतनमान स्वीकृति हेतु वर्ष में एक बार नियमित रूप से समिति की बैठक आयोजित करायी जाय। वर्ष 2022-23 में प्रोन्नत व चयन चेतन स्वीकृति हेतु अविलम्ब कार्यवाही की जाय। वर्ष 2021 में स्वीकृत चयन व प्रोन्नत वेतन का अभी तक वेतन निर्धारण नहीं हो पाया है। पूर्व में स्वीकृत चयन प्रोनन्त प्राप्त शिक्षकों का अविलम्ब वेतन निर्धारण किया जाय।

5- वर्ष 2005 राजकीयकरण से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के एक वर्ष की सेवापूर्ण हो जाने पर स्वतः स्थायीकरण की व्यवस्था थी। इसके बाद ही शिक्षकों का​ परिषदीय जी.पी.एफ. कटौती की जाती थी। लेकिन सेवापंजिकाओं में आदेश की अंकना नही होने के कारण अनेकों शिक्षक स्थायीकरण के लाभ से वंचित हैं। सदस्यों ने जनपद में शिक्षकों के स्थायीकरण हेतु कार्यवाही करने की मांग की है।

6- समग्र शिक्षा के अर्न्तगत कार्यरत शिक्षकों के जी.पी.एफ./एन.पी.एस. पास बुकों में अंकना पूर्ण नहीं होने से शिक्षकों को जी.पी.एफ. अग्रिम आहरण में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उक्त अंकनायें पूर्ण करायी जाय।

7- शिक्षकों के राज्य सैक्टर के अन्तर्गत विकासखण्डों में व समग्र शिक्षा के अन्तर्गत जिला परियोजना कार्यालय में लम्बे समय से लम्बित पड़े विभिन्न देयकों (वेतन, एरियर, बोनस, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, सी.पी.एस.एन. आदि) का एक निश्चित समयान्तर्गत भुगतान कराये जाने की व्यवस्था की जाय। इस सम्बन्ध में शिक्षकों व संगठन की ब्लाक इकाइयों द्वारा उप शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में प्रत्यावेदन दिये गये हैं। लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। सभी विकासखण्डों को शिक्षकों के प्रकरणों को एक निश्चित समयावधि में निस्तारित करने हेतु निर्देशित करने की मांग की है।

8- 17140/ वेतन प्रकरण में उच्च न्यायालय द्वारा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड के वसूली के आदेश के निरस्तीकरण बावजूद भी विकासखण्ड धौलादेवी में शिक्षकों के वेतन से वसूली की जा रही है तथा कटौती करने के बाद शासनादेश के अनुसार पुनः निर्धारण भी नहीं किया गया है। जिससे शिक्षकों को आर्थिक हानि हो रही है। वेतन निर्धारण कर शिक्षकों के वेतन से वसूली अविलम्ब रोकी जाय। मांग पूरी नहीं होने पर संगठन ने न्यायालय की अवमानना का वाद दायर करने की चेतावनी दी है।

9- अनेकों शिक्षकों के एन.पी.एस. कटौती की धनराशि उनके प्रान खाते में जमा नहीं हुई है। एन.पी.एस. की धनराशि को सम्बन्धित के खातों में जमा करने के लिए विकासखण्डों को निर्देशित किया जाए।

10- राजकीय आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त है। आदर्श विद्यालयों में नियुक्ति प्रकिया के साथ ही पदोन्नति एवं स्थानान्तरणों से आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था की जाय।

11- जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों को समय समय पर प्राथमिक विद्यालयों में व्यवस्था पर जगाया जा रहा है। जिससे विद्यालयों में शिक्षण कार्य बाधित रहता है। जूनियर हाईस्कूलों से प्राथमिक विद्यालयों में व्यवस्था न लगायी जाय।

12- विद्यालयों से समय समय पर छात्रवृत्ति, डाइस, शाला सिद्धी, मासिक परीक्षा, छात्र प्रोफाइल, पी.एफ.एम.एस. आदि अनेकों प्रकार के आनलाइन कार्य कराये जा रहे है। इसके लिए विद्यालयों में न तो प्रशिक्षित स्टाफ है और न ही कम्प्यूटर व कनेक्टीविटी सहित पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। विद्यालयों को आनलाइन कार्यों से मुक्त कर विकासखण्ड स्तर पर ही आनलाइन कार्यों की व्यवस्था करायी जाने की मांग की है।

13- समग्र शिक्षा के अन्तर्गत विकासखण्डवार पंजाब नेशनल बैंकों में एस.एन.ए खाते खोले गये है। खातों में चैक द्वारा भुगतान की सुविधा न होकर केवल पी.एफ.एम.एस. से भुगतान होता है। जिससे प्रत्येक भुगतान के लिए बार बार बैंक जाना पडता है। अनेक विकासखण्डों में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा विद्यालय से बहुत दूरी पर स्थित हैं। जबकि अन्य विकासखण्ड में स्थित उक्त बैंक की शाखा विद्यालय से निकट उपलब्ध है। एन.एन.ए. खातों को विद्यालय से निकटवर्ती शाखाओं में स्थानान्तरित करने की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।

ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष संजय सिंह, जिला मंत्री युगल मठपाल, कोषाध्यक्ष के.डी. रिखाड़ी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

 

 

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