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Wrestlers Protest: ‘पदकों को 15-15 रुपये का बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़े’… पहलवानों ने आंदोलन खत्म करने की खबरों को बताया फर्जी

इंडिया भारत न्यूज डेस्क: भाजपा सांसद व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों का बड़ा बयान सामने आया है। पहलवानों ने आंदोलन खत्म होने की खबरों का खंडन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया कि तीनों ने आंदोलन से नाम वापस ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में सबसे पहले साक्षी का नाम बताया गया।

दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने धरना वापस ले लिया है। वे रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। इसके बाद साक्षी, बजरंग व विनेश फोगाट ने ट्वीट कर इन खबरों का खंडन किया और इसे अफवाह बताया। अब इस मामले में साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान का बयान भी सामने आया है। साक्षी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर भी बात की। पहलवान शनिवार रात गृह मंत्री से मिले थे।

इंसाफ मिलने तक जारी रहेगी लड़ाई

सबसे पहले साक्षी ने ​अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि, ‘ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।’

साक्षी के ट्विट के कुछ देर बाद बजरंग पुनिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह है। ये खबरें हमे नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे है और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

वही, महिला पहलवान विनेश फोगाट ने ट्विवट करते हुए लिखा कि, ‘महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुजर रही हैं इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमजोर मीडिया की टांगे हैं जो किसी गुंडे के हंटर के आगे कॉंपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं।

नौकरी का डर मत दिखाइए: विनेश

कुछ देर बाद ही विनेश फोगाट ने दूसरा ट्विवट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि, हमारे मेडलों को 15—15 रुपये के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बांधा ​बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए।

18 जनवरी को पहली बार धरने पर बैठे थे पहलवान

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश सबसे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद खेल मंत्रालय से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए पहलवान 23 अप्रैल को दोबारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे। पहलवान और बृजभूषण दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर चालू रहा। जहां एक तरफ बृजभूषण ने कहा कि आरोप साबित होने पर वह खुद को फांसी लगा लेंगे, तो वहीं पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।

 

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