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कांग्रेस प्रदेश महामंत्री केवल सती का बयान, कहा- ‘किसी बीजेपी नेता में अग्निपथ योजना का विरोध करने की हिम्मत नहीं’

अल्मोड़ा। केंद्र सरकार की सेना भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ योजना का विरोध जारी है। अग्निपथ योजना को लेकर राजनीतिक दल भी सरकार को घेरने में जुट गए है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री तथा पूर्व राज्य मंत्री एडवोकेट केवल सती ने अग्निपथ योजना को युवाओं व देशहित में गलत बताते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोला है।

प्रेस को जारी एक बयान में प्रदेश महामंत्री केवल सती ने कहा कि, अगर केंद्र में कांग्रेस सरकार होती और वह अग्निपथ योजना लागू करती तो वह अग्निपथ योजना का विरोध करते। लेकिन ये जानते हुए कि यह योजना युवाओं के हित में और देश के हित में नहीं है, तब भी कोई भाजपा नेता अपनी पार्टी के इस फैसले का विरोध करने की हिम्मत नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व में अनेक बार गलत निर्णय का विरोध किया था। जिससे उनके अनके नेता भी नाराज हुए थे।

सती ने कहा आज बेरोजगारी चरम पर है। वायु सेना में 3 हजार पदों के सापेक्ष चार दिन में 94 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए है। ये संख्या लाखों में भी होगी। लेकिन इससे सरकार ये मत सोचे की अग्निपथ योजना सही है। बल्कि इस संख्या के ये मालूम पड़ता है कि देश में बेरोजगारी का आलम क्या है।

सती ने कहा कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना को लागू करने से पहले इस विषय को संसद की स्थाई समिति में विचार के लिए रखना था यह योजना देश की सुरक्षा से जुड़ी है इसलिए इस योजना को लेकर संसद में भी बहस होनी जरूरी थी। लेकिन सरकार ने किसी को विश्वास में लिए बगैर यह योजना लागू कर दी। अपने भविष्य से खिलवाड़ को देखते हुए देश का युवा आज सड़कों पर उतर आया है।

सती ने कहा कि इस योजना के तहत हर साल 46 हजार सैनिकों की भर्ती की जाएगी। उन्हें 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसके बाद 42 माह की तैनाती दी जाएगी। 48 माह खत्म होने के बाद उनमें से एक चौथाई सैनिकों को 11 से 13 वर्षों तक सेना से जोड़ा रखा जाएगा। और बाकि बचे करीब 34 हजार 500 को उनके वेतन से की गई कटौती आदि यानि 11 लाख 67 हजार का भुगतान कर मुक्त कर दिया जाएगा। उसके बाद न वे पूर्व सैनिक होंगे और न ही पेंशन होगी और न रैंक होगी।

सती ने कहा कि अग्निवीर ठीक से प्रशिक्षित भी नहीं होंगे। इसलिए अग्रिम मोर्चे पर उनकी तैनाती भी नहीं हो सकती। जबकि सरकार का कहना है कि अग्निपथ मॉडल को इजिरायल में आजमाया व परखा गया है। इजिरायल की आबादी बहुत कम है। वहां आमतौर पर बेरोजगारी नहीं है और युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन पदों पर रेगुलर भर्ती खोलनी चाहिए ताकि बेरोजगार युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सकें।

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