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अल्मोड़ाः सरकार व प्रशासन की बेरूखी से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी नाराज, स्वतंत्रता दिवस पर लिया यह बड़ा निर्णय

अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर नगरखान में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों ने स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर मनाये जा रहे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ की पूरे देशवासियों को बधाई दी।

वक्ताओं ने सन् 1947 से पूर्व गुलाम भारत में आम लोगों पर अंग्रेजों के द्वारा ढाये जाने वाले जुल्मों की घटनाओं का जिक्र किया तथा आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।

राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि जिला स्तर आयोजित समारोह में बुलाने के बावजूद उन्हें वहां उचित सम्मान नहीं दिया जाता। जिसके चलते इस वर्ष उनके द्वारा जिला स्तर पर आयोजित समारोह का बहिष्कार किया गया। कहा कि जिला प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद इस बार अधिकांश राज्य आन्दोलनकारियों को आमंत्रित ही नहीं किया गया। राज्य आंदोलनकारियों को दी जाने वाली सुविधाओं में राज्य सरकार केवल दिखावे भर की सुविधाएं दे रही है। राज्य आंदोलनकारियों को जहां नाम मात्र पेंशन दी जा रही है वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सुविधा के लिए राज्य सरकार की अनूठी शर्तो के चलते उनका विशेष लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है।
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ेकहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण पर भी सरकार रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। जिला स्तर के अधिकारियों की बेरूखी के चलते जहां नये राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण नहीं हो पा रहा है वहीं शासनादेश के बावजूद मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को घोषणा के एक वर्ष होने को है। पैंशन स्वीकृत नहीं की जा रही है।

इस दौरान निर्णय लिया गया कि राज्य आंदोलनकारी भविष्य में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भागीदारी नहीं करेंगे और आगामी 1 सितंबर को गांधी पार्क अल्मोड़ा में धरना देंगे।

कार्यक्रम में ब्रह्मानन्द डालाकोटी, शिवराज बनौला, मान सिंह बिष्ट, दौलत सिंह बगडवाल, नवीनचंद्र डालाकोटी, शंकरदत्त डालाकोटी, गोपाल सिंह बनौला, पूरन सिंह बनौला, पदम सिंह, सुन्दर सिंह, महेश पांडे, बिशंभर पेटशाली, तारा दत्त तिवारी, सुंदर राम, तारा राम, कैलाश राम, सुन्दर राम आदि अनेको राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।

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