अल्मोड़ा: मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों ने सुगम से सुगम पारस्परिक स्थानांतरण सूची शीघ्र जारी करने की मांग की है। साथ ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की सेवा को जोड़ते हुए मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को आहरण वितरण अधिकार दिए जाने तथा बिन्दु संख्या 9 में भी राजपत्रित अधिकारी के पद के अनुरूप ही कार्य आवंटन किये जाने की मांग की है।
साप्ताहिक वर्चुअल बैठक में वक्ताओं ने कहा कि, किसी भी अधिकारी व कार्मिक के चिकित्सा अवकाश में जाने पर मेडिकल को बिना फिटनेस के इंतजार के बिना स्वीकृति हेतु भेजा जाना चाहिए, शासनादेश में ऐसी व्यवस्था दी गई है। सदस्यों द्वारा विभाग व शासन स्तर पर पैरवी नहीं किये जाने पर पदाधिकारियों के खिलाफ रोष व्यक्त किया।
वक्ताओं ने कहा कि शासन द्वारा संगठनों को मान्यता इसी बात के लिए दी जाती है कि वे सदस्यों की बातों व मांगों की पैरवी करें। लेकिन पदाधिकारियों द्वारा खामोशी की चादर ओढ़ ली जाती है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इसी कारण मांग भी पूरी नहीं होती तथा आधी अधूरी मांग के शासनादेश पर चुप्पी धारण कर लेते हैं।
कहा कि शासन द्वारा जारी शासनादेश में तमाम विसंगति है जिसमें ऐसे मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जिनकी सेवा पांच वर्ष पूर्ण होने पर ही आहरण वितरण अधिकार देने की बात कही गई है। जबकि पूर्व में जारी शासनादेश में राजपत्रित अधिकारी के पद पर पांच वर्ष की कुल सेवा का उल्लेख किया गया है। इस आधार पर शासनादेश में संशोधन होना जरूरी है।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पुष्कर सिंह भैसोड़ा ने कहा कि सभी लंबित मामलों में कार्यवाही की जायेगी। धीरेन्द्र कुमार पाठक पूर्व मंडलीय अध्यक्ष फेडरेशन ने कहा कि वर्तमान पदाधिकारियों को भी मुद्दों की संवेदनशीलता समझनी होगी और तत्काल पैरवी करनी चाहिए। टेचन कुमार प्रजापति ने कहा कि वे 2018 से संघर्षरत है और आगे भी मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए संघर्षरत रहेंगे। शशि कुकरेती ने कहा कि मार्च में आफलाइन बैठक की भी तैयारी की जायेगी, जिसमें सभी की भागीदारी जरूरी है।
बैठक के अंत में हरिद्वार में संगठन के पदाधिकारी रोहित शर्मा के पुत्र के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
वर्चुअली बैठक में एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल नैनीताल के अध्यक्ष व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पुष्कर सिंह भैसोड़ा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी टेचन कुमार प्रजापति, धीरेन्द्र कुमार पाठक सुशीला रावत, शशि कुकरेती, गीता जोशी, हर्ष सिंह बिष्ट, देवानंद बडोनी, जे डी आर्य, खीमानंद गहत्याड़ी, मोहन लाल, यू डी चमोली आदि मौजूद रहे।