अल्मोड़ा: नगर के आस पास के 25 गांवों को नगरपालिका में शामिल कर नगर निगम बनाये जाने के सरकार के फैसले के विरोध में सोमवार को ग्रामीणों ने गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया। विधायक मनोज तिवारी व कांग्रेस ने धरनास्थल पहुंचकर ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जबर्दस्त नारेबाजी की। सरकार के इस फैसले का हर हाल में विरोध करने की बात कही।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि साल 2018 में सरकार ने नगर क्षेत्र से लगे गांवों को पालिका में शामिल किया था। लेकिन इन गांवों के लिए कोई विशेष बजट या सुविधाएं नहीं दिए जाने से वहां की समस्याएं आज भी जस की तस है।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर गांवों को पालिका में शामिल किया जाता है तो चारागाह, जंगल, पानी के स्रोत पालिका के होंगे। जिससे लोग मूल सुविधा से वंचित होंगे और ग्रामीणों के हक प्रभावित होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार की इस कोशिश का हर हाल में विरोध किया जाएगा। सरकार ने फैसला नहीं बदला तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार द्वारा मनमानी की जा रही है। बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए गांवों को पालिका में शामिल करने का फैसला सरासर गलत है। वह सरकार के इस फैसले के खिलाफ है और ग्रामीणों के साथ है।
धरने को कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, कांग्रेस जिला महासचिव गीता मेहरा, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी समेत कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपना समर्थन दिया।
धरने में ये रहे मौजूद
धरने में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र सिंह गैलाकोटी, देवेंद्र सिंह बिष्ट, नवीन बिष्ट, नंदा बल्लभ पांडे, हरीश रावत, राजेंद्र सिंह, गोपाल सिंह, किशन सिंह, पंकज, राधा टम्टा, सुंदर सिंह बिष्ट, पूनम देवी, गोपाल सिंह, विजय कनवाल, महेंद्र सिंह जीना, हर्ष कनवाल, मयंक सिंह, हेमा देवी, विक्रम सिंह, कमला देवी, विनीता बिष्ट, कलावती देवी, आशा जीना, पान सिंह, हितेश नेगी, नीरज लाल, सुनीता राणा, माया, भूपेंद्र सिंह, राकेश आर्या, हरीश सिंह, शुभम, सुंदर समेत कई पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण शामिल रहे।