नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें भारत में हिंदू धर्म की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी। मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल भी पूछे। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत इस तरह की प्रार्थना वाली याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है।
शीर्ष अदालत ने उस याचिका में की गई प्रार्थना का जिक्र किया, जिसमें भारत सरकार के अधिकारियों को यहां हिंदू धर्म की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा, ‘कोई कहेगा कि भारत में इस्लाम की रक्षा करो। कोई कहेगा कि भारत में ईसाई धर्म की रक्षा करो।’
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश स्थित एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट में बहस करने के लिए याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुआ था। याचिकाकर्ता ने शैक्षिक पाठ्यक्रम का हवाला दिया।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, ‘आप यह कैसे तय कर सकते हैं कि आप जो प्रचार करते हैं उसका पालन बाकी सभी को करना होगा? पाठ्यक्रम आदि सरकार का काम है, अदालत का नहीं। खारिज किया जाता है।’