अल्मोड़ा। रानीखेत में दिल्ली निवासी एक 18 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले दरिंदे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के खुलासे के बाद हर कोई दंग रह गया। इस घिनौनी वारदात को एक आर्मी के जवान ने अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपित को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
इस घटना के सामने आते ही पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए थे। कि आखिर रानीखेत की शांत वादियों के बीच आखिर कौन ऐसा दरिंदा आया जिसने युवती को अकेली पाकर उसके साथ दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम दिया।
पुलिस कप्तान देवेंद्र पींचा ने खुद मौका मुआयना कर जांच पड़ताल की। फरार आरोपित की गिरफ्तारी के लिए तत्काल एएसपी हरबंस सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। साथ ही कोतवाली रानीखेत समेत भतरौंजखान, देघाट की पुलिस तथा एसओजी की टीम को भी आरोपित की धरकपड़ में लगाया। पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की। इस दौरान प्रशांत मेहता 28 वर्ष पुत्र खुशाल सिंह मेहता, निवासी ग्राम सूपी, मुक्तेश्वर जिला नैनीताल का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने जब आरोपित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया।
कोतवाल रानीखेत अशोक कुमार धनकड़ ने बताया कि आरोपी आर्मी में लांस नायक पद पर वर्तमान में रानीखेत में तैनात है। एसएसपी ने मामले का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को 5 हजार रुपये के नगद ईनाम से पुरस्कृत किया है।
ये था मामला-
दिल्ली निवासी एक युवती कुछ दिन पहले रानीखेत कैंट क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के यहां आई थीं। पीड़िता के रिश्तेदार किसी काम से बाहर गए थे वह कमरे में अकेली थी। बीते रविवार की रात करीब 10 बजे डोर बेल बजी तो उसने दरवाजा खोला। लेकिन बाहर कोई नहीं दिखा। इसी दौरान पास से एक शख्स आया और उसने पीड़िता का मुंह दबा दिया और उसे घसीट कर कमरे में ले गया। युवक के मुंह में मास्क लगा हुआ था, जिससे चलते पीड़िता आरोपित को पहचान नहीं पाई थी।
बीते सोमवार यानि 23 दिसंबर को पीड़िता ने रानीखेत कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर सौपी थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और पीड़िता का एक अस्पताल में मेडिकल कराया। जिसके बाद पुलिस इस घिनौती वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात व्यक्ति की तलाश में जुट गई थी।