इंडिया भारत न्यूज डेस्क: कोसी नदी में रामनगर से लेकर बाजपुर तक व्यापक पैमाने पर अवैध खनन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक ने राज्य सरकार पर मशीनों से नदियों को छलनी करवाने का आरोप लगाया है।
रामनगर पार्टी कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस माह के अंत तक कोसी नदी में चुगान की समय सीमा समाप्त होने से पूर्व राज्य सरकार ने पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से कोसी नदी में खनन कार्य शुरू करवाकर रामनगर से लेकर बाजपुर तक के इलाके की कोसी नदी को अवैध खनन करने वालों को बेरहमी से रौंदने की खुली छूट दे दी है। राज्य के इतिहास में पहली बार कोसी नदी में इतने व्यापक पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है कि 2 हजार डंपर दिन-रात कोसी से बेलगाम अवैध निकासी में जुटे हैं, लेकिन वन विभाग इक्का दुक्का डंपर पकड़कर दिखावे के लिए अवैध खनन रोकने के दावे कर रहा है।
रावत ने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य सरकार की नियमावली के तहत सामान्य परिस्थिति में किसी भी सूरत में मशीनों से खनन कार्य नहीं हो सकता। खनन कार्य में मशीनों का उपयोग केवल आपदा के समय अधिसूचना जारी करने के बाद किया जा सकता है। लेकिन खनन प्रेमी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोसी नदी में खनन की समय सीमा समाप्त होने से तीन सप्ताह पूर्व ही माफियाओं को अवैध खनन की खुली छूट देकर ऐतिहासिक और अभूतपूर्व अवैध खनन शुरू करवा दिया है।
रावत ने आरोप लगाया कि इससे पूर्व भी खनन कारोबारियों के दुस्साहस के चलते अवैध खनन होता चला आया है, लेकिन यह 10-20 या 50-100 डंपर तक ही सीमित रहता था। लेकिन मुख्यमंत्री धामी की शह के चलते राज्य के इतिहास में पहली बार करीब 2 हजार डंपर दिन-रात कोसी नदी का सीना पहली बार छलनी कर रहे हैं। सरकार अब खुद ही जनता के संसाधनों की खुलेआम लूट मचवा रही है। जिससे न तो राज्य का राजस्व बढ़ रहा है, और न ही जनता को इस खनन का लाभ मिल रहा है। बल्कि अवैध खनन का यह सारा पैसा काला धन बनकर घूम फिरकर राजनैतिक चंदे के रूप में राजनेताओं की जेब में जा रहा है। रावत ने चेतावनी दी है कि यदि इस अवैध खनन पर रोक नहीं लगी तो इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
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