अल्मोड़ाः विकट संरचना वाले उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। पलायन को रोकना वर्तमान में सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उत्तराखंड के गांव के गांव खाली हो चुके है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा के अभाव में लोग लगातार पहाड़ से पलायन करने को मजबूर है। उत्तराखंड के ग्रामीण विकास और पलायन निवारण आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अल्मोड़ा जिला स्थायी पलायन का दंश झेलने वालों में सर्वाधिक प्रभावित जिलों में शामिल है। पिछले 5 वर्षो में अल्मोड़ा जिले से 5926 लोगों ने स्थायी रूप से पलायन किया हैं।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा. सुखवीर सिंह संधू(Chief Secretary Dr. Sukhvir Singh Sandhu) ने कहा कि उत्तराखंड से पलायन रोकन के लिए पलायन निवारण आयोग द्वारा सरकार को जो सुझाव दिए गए है वह अच्छे सुझाव हैं। जिस पर प्रदेश सरकार काम कर रही है। लेकिन अभी इसमें और काम करने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव संधू ने कहा कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर पर्यटन व रोजगार को बढ़ावा देना होगा। जिसके लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान बनाना भी इसी दिशा में एक कदम है। जिससे यहां पर पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटन बढ़ने से रोजगार के अवसर खुलेंगे। जिससे पलायन को रोकने में काफी मदद मिलेगी।
मास्टर प्लान से होगा जागेश्वर का विकास
मुख्य सचिव डा. सुखवीर सिंह संधू बुधवार को एकदिवसीय अल्मोड़ा जिले के दौरे पर रहे। सबसे पहले वह जागेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने मास्टर प्लान के तहत किए जाने वाले कार्यों को लेकर अधिकारियों व कंसल्टेंसी के साथ चर्चा की। उन्होंने मंदिर परिसर, जागेश्वर संग्रहालय का निरीक्षण किया तथा विभिन्न जानकारियां प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने संग्रहालय का लिखित दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दिए ।
मंदिर में प्रवेश करने पर पुजारियों ने मुख्य सचिव का अंगवस्त्र से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने महामृत्युंजय व कुबेर मंदिर में पूजा अर्चना की। मुख्य सचिव ने मंदिर को जोड़ने वाले पुल के संबंध में निर्देश दिए कि पुल की स्ट्रेंथ का परीक्षण किया जाए। यहां उन्होंने जिलाधिकारी से जनपद के विभिन्न प्रकरणों को लेकर चर्चा की तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बर्ड वाचिंग ट्रेल व जीरो प्वाइंट का किया अवलोकन
जागेश्वर मंदिर में निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधू मशहूर पर्यटन स्थल बिनसर सेंच्युरी पहुंचे। मुख्य सचिव ने बिनेश्वर महादेव मंदिर से फारेस्ट गेस्ट हाउस तक करीब डेढ़ किमी पैदल चलकर बर्ड वाचिंग ट्रेल का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने बर्ड ट्रेल को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली और इसे सराहा। जिसके बाद मुख्य सचिव हिमालय दर्शन कराने वाले बिनसर के शिखर जीरो प्वाइंट पहुंचे। सीएस ने जीरो प्वाइंट तक जाने वाले वन मोटर मार्ग के सुधारीकरण व ईको टूरिज्म को यहां पर कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है इसको लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कसार देवी व बिनसर क्षेत्र के विकास के लिए जल्द बनेगी कार्ययोजनाः सीएस
बिनसर सेंच्युरी में विभिन्न स्थलों के निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधू कसार देवी मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने लोकल एक्सपर्ट से मंदिर के इतिहास, परंपरा, विशेषताएं तथा मान्यताओं के बारे में विभिन्न जानकारियां प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने कसार देवी व शिव मंदिर में पूजा अर्चना की।
मुख्य सचिव एस.एस संधू ने कहा कि अल्मोड़ा आने का उनका उद्देश्य बिनसर, कसार देवी तथा जागेश्वर के विकास के लिए बन रही योजनाओं को धरातल स्तर पर देखने का है। निरीक्षण के दौरान मालूम चला कि यहां पर क्या आवश्यकताएं हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। जल्द ही क्षेत्र के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
इस मौके पर जिलाधिकारी वंदना, सीडीओ अंशुल सिंह, प्रभारी डीएफओ हिमांशु बागड़ी, डीएफओ सिविल सोयम ध्रुव सिंह मर्तोलिया, एडीएम सीएस मर्तोलिया, संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत जयकिशन, एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार कुलदीप पांडे, सीएमओ डॉ. आर.सी पंत, कसार देवी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष मोहन रायल आदि मौजूद रहे।
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