अभिभावकों ने दैवीय प्रकोप तो शिक्षा विभाग ने बताया मास हिस्टीरिया
इंडिया भारत न्यूज डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां इंटर कॉलेज में अचानक कई छात्राएं चीखने, चिल्लाने व रोने लगी। छात्राएं रोते हुए अपने हाथ-पांव को जमीन पर जोर-जोर से पीटने लगे और जमीन पर लोटने लगे। यह नजारा देख स्कूल के शिक्षक, कर्मचारी व अन्य छात्र-छात्राएं कांप गए।
मामला धौंतरी उपतहसील के राजकीय इंटर कॉलेज कमद का है। जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह बाद बच्चे स्कूल पहुंचे, लेकिन यहां स्कूल के नए भवन में बैठते ही एक के बाद एक छात्रा बेहोश होने लगीं। बुधवार को एक दो बच्चे ही बेहोश हो रहे थे। लेकिन आज स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की चिंता उस समय बढ़ गई। ज़ब एक साथ कक्षा 10 बालिकाएं बेहोश हो गई।
शिक्षकों ने चीख-चिल्ला रही छात्राओं को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वह शांत नहीं हुई। शिक्षकों ने अभिभावकों को इसकी सूचना दी। अभिभावक अब्बल सिंह राणा ने बताया की सभी बीमार छात्राओं को अभिभावक देव पश्वा के पास ले गए हैं।
इस मामले के बाद हर कोई हैरान है अभिभावक इसे दैवीय प्रकोप बता रहे है तो शिक्षा विभाग ने इसे मास हिस्टीरिया बता रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तराखंड के चंपावत व बागेश्वर जिले में ऐसे मामले प्रकाश में आए थे।
क्या होता है मास हिस्टीरिया-
ये एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर या साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। साइकेट्रिस्ट के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति मेंटली या इमोशनली परेशान होता है, तो अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता है और असामान्य हरकतें करता है। इसमें एक व्यक्ति को ऐसा करते देख दूसरा, तीसरा और कई लोग असामान्य हरकतें कर सकते हैं। इसमें व्यक्ति अंदर ही अंदर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को नहीं बता पाता है। वह चाहता है कि लोग उससे बात करें, उसकी समस्याएं पूछें। पहाड़ में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़फूंक का सहारा लिया जाता है।
लक्षण-
पेट या सिर दर्द, बालों को नोंचना, हाथ पांव पटकना, इधर-उधर भागना, रोना, चिल्लाना, गुस्सा करना, उदास रहना, थोड़ी देर के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना, भूख और नींद में कमी आना।