अल्मोड़ा: उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड की जनपद इकाई ने स्वास्थ्य कार्मिकों का वेतन आहरित नहीं पर आक्रोश जताया है। मंगलवार को संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन सौंप 10 दिन के भीतर वेतन आहरित करने की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पदाधिकारियों ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वाराहाट में उप जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण के बाद करीब 30 चिकित्सा अधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कार्मिकों का स्पष्टीकरण देने के बाद भी वेतन आहरित नहीं किया गया है। अन्य ऐसे चिकित्सालयों व उप केन्द्र का भी वेतन आहरित नहीं किया जा रहा है जहां बायोमैट्रिक मशीन विभाग द्वारा नहीं लगाई गई है। कहीं माह मई, जून तो कहीं जुलाई का वेतन आहरित नहीं हुआ है।
पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक कार्यालयों में उपस्थिति के लिए सुचारू रूप से बायोमैट्रिक मशीन नहीं लगाई जाती। तब तक पूर्व की भांति ही वेतन आहरित करने की व्यवस्था दी जाय।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र गुसाईं, सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक, संगठन मंत्री पुष्कर सिंह भैसोड़ा व डिप्लोमा फ़ार्मसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.के. जोशी का कहना है कि लंबित वेतन आहरण नहीं होने से स्वास्थ्य कार्मिकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 10 दिन के भीतर वेतन आहरित नहीं होने पर संगठन आंदोलन को बाध्य होगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड के जिला अध्यक्ष व सचिव ने कहा कि वेतन रोकना किसी भी समस्या का हल नहीं है। विभाग को संसाधन विकसित करने चाहिए। ताकि जो व्यवस्था विभाग चाहता है, उसी के अनुसार कार्यवाही हो सकें। जब बायोमैट्रिक मशीन लगी ही नहीं है तो उस पर उपस्थिति कैसे दर्ज होगी। यह अपने आप में यक्ष प्रश्न है।
संगठन द्वारा मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, विधायक, आयुक्त कुमाऊं मण्डल, जिलाधिकारी, कोषाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष व सचिव अध्यक्ष फैडरेशन अल्मोडा समेत समस्त घटक संगठनों के अध्यक्ष व सचिव को पत्र भेजा है।
मातृ एवं शिशु परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष लीला अधिकारी मंत्री कविता आर्या, कोषाध्यक्ष सुशीला बिष्ट ने वेतन आहरित करने की मांग की है।