अल्मोड़ा: न्यायालय के आदेश पर एक ओर जहां अतिक्रमण पर जगह-जगह बुलडोजर गरज रहे हैं। वही, लोक निर्माण विभाग के नाक के नीचे कुछ राजनीतिक दबंग खुले आम सार्वजनिक जमीनों को खुर्द-बुर्द करने में लगे है। लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आंखों में काली पट्टी बांधे हुए हैं।
भूमि मामलों को लेकर सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला लोक निर्माण विभाग को अगर परलोक निर्माण विभाग कहे तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पूर्व में अपनी लापरवाही व राजनीतिक दबाव के चलते कई सार्वजनिक भूमियों को बचाने में विफल हुए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी अकसर अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में रहते है।
अपनी परिसम्पत्ति को बचाने में नाकामयाब लोक निर्माण विभाग से जुड़ा एक और चौंकाने व हैरान कर देने वाला ताजा मामला सामने आया है। नगर के टैक्सी स्टैंड तिराहे से लगे जीजीआईसी प्रधानाचार्य आवास के पास लंबे समय से कुछ राजनीतिक दबंगों व रसूखदारों द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जहां धीरे-धीरे निर्माण कार्य को विस्तारित कर सार्वजनिक भूमि को खुर्द-बुर्द करने का काम किया जा रहा है। जिसके चलते प्रधानाचार्य आवास, सार्वजनिक भूमि, सड़क व नाले आदि प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन पीडब्ल्यूडी इस पूरे मामले से बेखबर है।
हैरत की बात तो यह है कि शिकायत के बाद भी विभाग द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। मामले में पूछने पर अधिकारियों द्वारा गोलमोल जवाब दिया जा रहा है। जिस तरह से विभागीय अधिकारी इस पूरे मामले को लेकर अनभिज्ञ बने हुए हैं, उससे लोक निर्माण विभाग की भूमिका संदेहास्पद बनी हुई है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारी इस मामले में टाटमटोली व संबंधितों को बचाने की मुद्रा में नजर आ रहे है। अगर विभाग की यही उदासीनता रही तो भविष्य में यहां पर मनमाना निर्माण हो सकता है। जिससे एक बड़ा हिस्सा कुछ प्रभावशाली व राजनीतिक दबंगों के कब्जे में चले जाएगा।
सार्वजनिक संपत्तियों पर खुर्द-बुर्द पर व सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने के प्रयासों को विफल करने के लिए स्थानीय जनसंगठनों व जनता को भी आगे आना होगा। ताकि नगर क्षेत्र में अफसरों की मिलीभगत से हो रहे मनमाने निर्माण पर रोक लगाकर सार्वजनिक जमीनों को दबंगों के हवाले होने से बचाया जा सके।
प्रधानाचार्य आवास को खतरा
राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आवास के पास निर्माण कार्य के दौरान नाले को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जिससे बीते दिनों हुई बरसात में नाले का पानी प्रधानाचार्य आवास में घुस गया। यही नहीं निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लिंक रोड का काफी हिस्सा धस चुका है। यह दीवार कभी भी भरभराकर प्रधानाचार्य आवास पर गिर सकती है। वर्तमान में प्रधानाचार्य आवास में जीजीआईसी में तैनात कर्मचारी व उनका परिवार रहता है। सड़क की दीवार धसने व नाले के क्षतिग्रस्त होने के बाद आवास में घुस रहे पानी से गंभीर क्षति हो सकती है। इसी आशंका को लेकर विद्यालय प्रशासन द्वारा लोक निर्माण विभाग व नगरपालिका से इसकी शिकायत की गई है। बावजूद इसके मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। वही, इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्य सुधा उप्रेती ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।
प्रधानाचार्य सुधा उप्रेती ने कहा कि निर्माण कार्य से आवास को क्षति पहुंच रही है। नाले को तोड़कर उसका प्रवाह आवास की ओर कर दिया गया है। सड़क भी धस गई है, जो कभी भी ध्वस्त हो सकती है। वहां निवास करने वाले कर्मचारी व उसके परिवार को खतरा बना हुआ है। इससे जनहानी होने की संभावना भी है।
क्या कह रहे अधिकारी
आपको बताते चले कि विद्यालय प्रशासन द्वारा बीते 5 सितंबर को नगरपालिका व लोक निर्माण विभाग में पत्र भेजकर मामले की शिकायत की गई थी। शिकायत के बाद नगरपालिका के अधिकारी जरूर मौके पर गए लेकिन उन्होंने मामला पीडब्ल्यूडी से जुड़ा होना बताया। जबकि क्षतिग्रस्त नाले को लेकर नगरपालिका द्वारा पीडब्ल्यूडी को नोटिस भेजा जा सकता था, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों ने ऐसा न कर मामले से बचने का प्रयास किया। जबकि पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के बाद भी मौके पर नहीं गए। शिकायत के दो सप्ताह बाद भी विभाग की ओर से मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई।
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने पूछने पर बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मामले में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
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