Breaking News
फोटो- अमर उजाला

Joshimath landslide: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने सार्वजनिक की वैज्ञानिकों की रिपोर्ट

 

देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार राज्य सरकार को जोशीमठ भू-धंसाव पर आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना पड़ा। 718 पन्नों की रिपोर्ट में मोरेन क्षेत्र में बसे जोशीमठ की जमीन के भीतर पानी के रिसाव के कारण चट्टानों के खिसकने की बात सामने आई है। जिसके कारण वहां भू-धंसाव हो रहा है।

जोशीमठ हिमालयी इलाके में जिस ऊंचाई पर बसा है, उसे पैरा ग्लेशियल जोन कहा जाता है। इसका मतलब है कि इन जगहों पर कभी ग्लेशियर थे, लेकिन बाद में ग्लेशियर पिघल गए और उनका मलबा बाकी रह गया। इससे बना पहाड़ मोरेन कहलाता है। इसी मोरेन के ऊपर जोशीमठ बसा है। चमोली जिले के जोशीमठ में इस साल की शुरुआत में ही भू-धंसाव शुरू हो गया था।

वहीं इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की धामी सरकार की तरफ से जोशीमठ में पुनर्वास का कार्य तेजी से शुरू किया गया था और राज्य सरकार जनता को विश्वास दिलाती है की इस तरह की दिक्कतें जब भी आएंगी सरकार सदेव उत्तराखंड वासियों के साथ खड़ी रहेगी।

 

हमसे whatsapp पर जुड़े

हमसे youtube पर जुड़ें

https://youtube.com/channel/UCq06PwZX3iPFsdjaIam7DiA

Check Also

आशिका ने पति आशीष संग रोपा परिणय पौधा, मैती आंदोलन को फिर से किया जीवित

अल्मोड़ा। दुल्हन आशिका ने बाबुल के घर से विदा होने के समय मायके वालों को …