अल्मोड़ाः विधायक मनोज तिवारी ने लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए कड़ा प्रावधान करने की मांग की है। उन्होंने कहा कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता विधेयक का विरोध नहीं किया है। लेकिन विधेयक में कुछ कमियां है, जिस पर सरकार को सुधार करना चाहिए।
नगर के एक होटल में पत्रकारों से मुखातिब हुए विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड में लिव-इन-रिलेशनशिप को मान्यता देने का प्रावधान कर यहां की संस्कृति को चोट पहुंचाई है। लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए उत्तराखंड में कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। ताकि बाहरी राज्यों से कोई उत्तराखंड आकर यहां का माहौल खराब ना करें।
विधायक तिवारी ने विवाह पंजीकरण में भी सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि विधेयक में विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर तीन माह की सजा 10 हजार से 25 हजार अर्थ दंड का प्रावधान है। जबकि गांव में आज भी कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। जिसके चलते कई लोग ऐसे होंगे जिन्होंने अपना विवाह पंजीकरण नहीं कराया होगा। ऐसे में सरकार को गांव स्तर पर कैंप लगाना चाहिए, ताकि लोगों को इसकी जानकारी भी हो सकें और जिन लोगों ने अपना विवाह पंजीकरण नहीं कराया है वह पंजीकरण करा सके।
विधायक तिवारी ने सरकार पर तानाशहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता को पटल में लाने के बाद विपक्ष के विधायकों को विधेयक के अध्ययन के लिए महज दो घंटे का समय दिया गया। विपक्ष द्वारा सरकार से समय बढ़ाये जाने या फिर प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की गई। लेकिन सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान प्रश्नकाल व कार्यस्थगन भी नहीं चला। जिससे विधायक अपनी क्षेत्र की समस्याओं को सदन में नहीं रख सके, जिसका विपक्ष द्वारा विरोध किया गया।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक कुमार, अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष किशन लाल, अरविंद बिष्ट आदि मौजूद रहे।