अल्मोड़ा: दुग्ध उत्पादक विकास संगठन द्वारा गांधी पार्क में धरना दिया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि दुग्ध उत्पादक और सचिव दुग्ध उत्पादन की मुख्य धुरी हैं, दुग्ध संघ से लेकर फैडरेशन तक इन्ही लोगों की मेहनत से चल रहे हैं। लेकिन न तो दुग्ध उत्पादकों को उनकी मेहनत के बराबर दूध का मूल्य मिल रहा है और न ही सचिव को उनके कार्य के हिसाब से मानदेय मिल रहा। इसलिए आज इन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
धरने के माध्यम से मांग की गयी कि सरकार अपनी घोषणा के अनुरूप सचिव मानदेय सहायता एक रूपये लीटर तथा दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि 5 रूपये प्रति लीटर दे। भविष्य में पर्वतीय क्षेत्र में इसे दो रूपये तथा 6 रूपये लीटर किये जाने की आवश्यकता है।
वक्ताओं ने सचिवों को पीएफ तथा बीमा सुविधा से जोड़ने की मांग की। दुग्ध खरीद मूल्य प्रोत्साहन राशि को छोड़कर 50 रूपये लीटर किये जाने की मांग भी की गई। साथ ही दुग्ध संघ में किसी भी स्तर की नियुक्ति में समिति सचिवों को वरियता दिये जाने की भी मांग की गयी।
वक्ताओं ने दुग्ध उत्पादकों को समय से भुगतान की मांग करते हुए घाटे में चल रहे दुग्ध संघो अनुदान सहायता अथवा ऋण दिये जाने की मांग भी की। इस दौरान दुग्ध विकास संगठन को विस्तारित और मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि सरकार और दुग्ध संघों ने उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की आन्दोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य हो जायेंगे।
धरना कार्यक्रम में अध्यक्ष आनंद सिंह विष्ट, रविन्द्र खाती, शिवराज बनौला, हरीश तिवारी, महेश पंत, गिरधर अधिकारी, हरेन्द जीना, भवान सिंह धामी, नारायण राम, मोहन सिंह थापा, हिम्मत सिंह विष्ट, ब्रह्मानन्द डालाकोटी, गीता बोहरा,तारा विष्ट, भूपाल सिंह, हंसी चौधरी जतिन सिंह, अमित पांडे सहित काफी संख्या में संगठन के सदस्य शामिल हुए।