अल्मोड़ा: पर्वतीय जिलों में गुलदार इंसानों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। ताजा मामला जिला मुख्यालय से सटे एक गांव का है। जहां देर शाम गुलदार एक घर में घुस गया। गुलदार ने बछड़े पर हमला कर उसे घायल कर दिया। यही नहीं गुलदार ने युवती पर भी अटैक करने की कोशिश की। लेकिन उसने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इस घटना के बाद ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते रविवार की शाम करीब 7:30 बजे सैनार गांव निवासी मदन सिंह बिष्ट के आवासीय मकान के निचले हिस्से में बनी गौशाला में गुलदार घुस गया। जहां कई मवेशी बंधे हुए थे। गुलदार ने गाय के बछड़े पर हमला कर दिया। आहट होने पर मदन सिंह की बेटी गौशाला में गई तो गुलदार ने उस पर हमला करने का प्रयास किया। लेकिन उसने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचा ली। लोगों के शोर मचाने पर गुलदार वहां से भाग गया। लेकिन रात करीब 10 बजे गुलदार एक बार फिर शिकार की तलाश में घर के आंगन आया। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो गुलदार जंगल की ओर भाग गया।
ग्रामीणों ने डीएफओ को सौंपा ज्ञापन
ग्राम प्रधान अर्जुन बिष्ट के नेतृत्व में सोमवार को ग्रामीणों ने प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि बीते दिवस हुई घटना से ग्रामीण काफी भयभीत है। पूर्व में भी गुलदार कई मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। गुलदार के बढ़ती चहलकदमी से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने गांव में पिंजरा लगाकर आतंक का पर्याय बने गुलदार को कैद करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में मदन सिंह बिष्ट, जोगा सिंह कनवाल समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
मांग पूरी नहीं हुई तो होगा आंदोलन
ग्राम प्रधान अर्जुन बिष्ट ने कहा कि सैनार गांव में लंबे समय से गुलदारों का आंतक बना हुआ है। कई बार विभागीय अधिकारियों को इसकी लिखित व मौखिक सूचना दे दी गई है। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वह किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है। उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीणों की मांग की अनसुनी की गई तो वह ग्रामीणों के साथ आंदोलन व विभागीय अधिकारियों का घेराव करने को बाध्य होंगे।