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बिनसर अग्निकांड:: जान गंवाने वाले वनकर्मियों को श्रद्धां​जलि देने बिनसर में जुटे कुमाऊं भर के फील्ड अधिकारी-कर्मचारी, आंदोलन की चेतावनी

अल्मोड़ा: बिनसर वन्य जीव विहार में बीते 13 जून को वनाग्नि की चपेट में आने से 5 वनकर्मियों की मौत हो गई थी। जबकि तीन लोगों का दिल्ली एम्स में उपचार चल रहा है। सिविल सोयम प्रभाग, अल्मोड़ा तथा अखिल भारतीय वनाधिकारी महासंघ के तत्वावधान में वनाग्नि नियंत्रण के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वनकर्मियों के सम्मान में बिनसर सेंचुरी गेट पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।

इस दौरान अग्निकांड में हताहत होने वाले वन रक्षक त्रिलोक सिंह मेहता, विभागीय श्रमिक दीवान राम, पीआरडी जवान पूरन सिंह मेहरा, फायर वॉचर कृष्ण कुमार, करन आर्या की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। और दो मिनट का मौन धारण कर शोक जताया गया।

इस मौके पर डीएफओ सिविल सोयम हेम चन्द्र गहतोड़ी, वन क्षेत्राधिकारी संघ के अध्यक्ष मनोज सनवाल, अखिल भारतीय वनाधिकारी महासंघ के अध्यक्ष राममूर्ति मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव कमल यादव, वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष हर्षवर्धन गढ़िया, जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा बलवंत भण्डारी, हल्द्वानी से सेवानिवृत्त वनाधिकारी संघ के अध्यक्ष राम सिंह बिष्ट, महामंत्री कैलाश चन्द्र सुयाल, संरक्षक गणेश जोशी, सी.एस. पाण्डे, सहायक वन कर्मचारी संघ, वन बीट अधिकारी संघ के पदाधिकारी, डा. मनोज कुमार जोशी, धीरेन्द्र पाठक, तारा चन्द्र जोशी के साथ ही वन विभाग के कुमाऊं मण्डल के फील्ड अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

 

वन बीट अधिकारी संघ ने दी आंदोनल की चेतावनी

वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष हर्षवर्धन गड़िया व जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा बलवंत भण्डारी ने कहा कि इस प्रकार भीषण अग्निकांड व धुंए के गुबार में अपने प्राणों की परवाह किये बिना प्रवेश कर लेना व मौत को गले लगाना कहीं न कहीं प्रथम पंक्ति के कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव को दर्शाता है। वनाग्नि घटना में प्रभावी नियंत्रण हेतु नीतियों में परिवर्तन की आवश्यकता है।

उन्होंने एसीपी का लाभ, ससमय पदोन्नति, वेतन में एचआरए, वनाग्नि काल से निपटने के लिए सुरक्षा उपकरण, वनाग्नि घटना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 24 घण्टे अनुभाग स्तर पर विभागीय वाहन उपलब्ध कराये जाने, वन कर्मियों का बीमा न्यूनतम 50 लाख से अधिकतम 1 करोड़ तक करवाये जाने आदि ज्वलंत मुद्दों पर तत्काल समाधान की मांग की है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रथम पंक्ति में कार्य कर रहे वन आरक्षी की मूलभूत समस्याओं पर यदि समय रहते विचार कर समाधान न किया गया तो संघ प्रदेश भर में जल्द ही एक आंदोलन छेड़ देगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी विभागीय उच्चाधिकारियों की रहेगी।

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