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अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में हड़ताल… व्यवस्था बेहाल, कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटा

अल्मोड़ा: मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल में तैनात 120 से अधिक आउटसोर्स, उपनल, संविदा कर्मचारियों को पिछले चार माह से मानदेय नहीं मिला है। लंबे समय से मानदेय देने की मांग रहे कर्मचारियों का आखिरकार सब्र जवाब दे गया। आक्रोशित कर्मचारियों ने पूर्ण कार्यबहिष्कार करते हुए सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों ने बेस अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध ​जताया। कर्मचारियों की हड़ताल से बेस अस्पताल में ओपीडी बंद रही। साथ ही अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। अस्पताल पहुंचे मरीजों व उनके साथ आए तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीज मायूस होकर वापस घर को लौटे।

कर्मचारियों का कहना है कि पिछले चार माह से उन्हें मानदेय नहीं मिला है। और न ही उनके पद स्वीकृत किए जा रहे हैं। मानदेय व पद स्वीकृत करने को लेकर वह लंबे समय से स्वास्थ्य मंत्री व मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से मांग कर रहे है। लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन दिए गए। मानदेय नहीं मिलने से वह कमरे का किराया, अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक नहीं दे पा रहे है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन्हें कोरे आश्वासन दे रहे हैं। जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मानदेय मिलने व पद स्वीकृत होने तक वह हड़ताल पर रहेंगे।

कर्मचारियों की हड़ताल से सोमवार को बेस अस्पताल में ओपीडी, साफ सफाई, आपरेशन, जांच, बिलिंग समेत अधिकांश स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही। वही, दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे मरीज व उनके तीमारदार भी काफी परेशान नजर आए और अस्पताल में इधर उधर भटकते रहे।

नैनीताल जिले के ग्राम मौना से पहुंची गोविंदी देवी ने बताया कि 16 जुलाई यानि मंगलवार को उन्हें आपरेशन की डेट दी गई थी। आज जब वह पर्चा कटाने के लिए अस्पताल पहुंची तो पर्चा काउंटर ही बंद है। अब उनका आपरेशन होगा या नहीं उन्हें इसकी चिंता सता रही है। खोल्टा निवासी दीपा जोशी ने बताया कि उनकी मां के पैर में दर्द की शिकायत हैं। वह उपचार के लिए शीतलाखेत से अपनी मां को बेस अस्पताल लाई हैं। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों ने हड़ताल होने की बात कही।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सी पी भैसोड़ा ने कहा कि कई कर्मचारियों के पद स्वीकृत नहीं है। शासन स्तर पर पद स्वीकृत की कार्यवाही चल रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जनपद भ्रमण के दौरान आश्वासन दिया था कि पद स्वीकृत करने की मांग को कैबिनेट में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के मानदेय को लेकर जिला कोषागार में पत्र भेजा था। लेकिन पद स्वीकृत नहीं होने से कोषागार द्वारा मानदेय पर रोक लगाई गई है। मानदेय को लेकर जिलाधिकारी व शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों से बातचीत की गई। उन्होंने अगले कुछ दिनों में समस्या का समाधान होने की बात कही।

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