अल्मोड़ा: विकासखंड हवालबाग की बीडीसी बैठक में जिलाधिकारी व सक्षम विभागीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। पंचायत प्रतिनिधियों के विरोध के बाद ब्लाक प्रमुख हवालबाग बबीता भाकुनी ने बैठक स्थगित कर दी। वही, आक्रोशित पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लाक कार्यालय के गेट के बाहर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
हवालबाग ब्लाक में बुधवार को बीडीसी की बैठक होनी थी। अपनी क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर पंचायत प्रतिनिधि ब्लाक सभागार पहुंचे। सीडीओ आकांक्षा कोंडे बैठक में हिस्सा लेने ब्लाक कार्यालय पहुंची। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ब्लाक प्रमुख ने अधिकारियों का परिचय लिया तो अधिकांश महत्वपूर्ण विभागों के विभागाध्यक्ष व सक्षम अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं थे।
डीएम व विभागों के विभागाध्यक्ष की गैरमौजूदगी से नाराज पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान आक्रोशित पंचायत प्रतिनिधियों ने ब्लाक कार्यालय के बाहर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।
ब्लाक प्रमुख बबीता भाकुनी ने कहा कि जिला मुख्यालय का ब्लाक होने के बावजूद पिछले पांच साल से डीएम बीडीसी बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि बरसात का सीजन शुरू हो चुका है। लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग, पूर्ति विभाग के सक्षम अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। साथ ही जल निगम, पर्यटन, राजस्व, आबकारी, कृषि विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक में गैरमौजूदगी पाई गई। जिस कारण जनप्रतिनिधियों द्वारा रोष व्यक्त करते हुए बैठक का बहिष्कार किया गया।
प्रमुख बबीता भाकुनी ने इस मामले में जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञापन में कहा कि जिला प्रशासन के रोस्टर के अनुसार बीडीसी हवालबाग की अगली बैठक डीएम की मौजूदगी में आयोजित की जाएगी। जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि बैठक में डीएम की मौजूदगी नहीं पाई गई तो वे विकासखंड में अनिश्चितकाल तालाबंदी के लिए बाध्य होंगे।
बीडीसी बैठक में क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर पहुंचे क्षेत्र पंचायत सदस्य, जूड़ कफून गोपाल गुरुरानी ने कहा कि जिला योजना के तहत क्षतिग्रस्त सड़क की इनसाइड दीवारों की मरम्मत की मांग की गई थी। जिसके लिए धनराशि अवमुक्त नहीं हो पाई। ऐसे प्रकरणों में सुनवाई के लिए बीडीसी बैठक में सक्षम अधिकारी का मौजूद होना महत्वपूर्ण होता है। लेकिन डीएम समेत कई सक्षम अधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे। जिस वजह से पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बैठक का बहिष्कार किया गया।