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अल्मोड़ा:: SSJ कैंपस में स्व. सोबन सिंह जीना जंयती समारोह का हुआ आयोजन, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी रहे मौजूद

अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना दातव्य न्यास की ओर से स्व. सोबन सिंह जीना की 116 वीं जयंती के अवसर पर एसएसजे परिसर के गणित विभाग सभागार में जंयती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, विधायक मनोज तिवारी, कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, न्यास के अध्यक्ष व निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व कुलपति व संकायाध्यक्ष कला संकाय प्रो. जगत सिंह बिष्ट, संयोजक एड गोविंद बिष्ट, सह संयोजक प्रो. वीडीएस नेगी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वही, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम की सफलता के लिए वर्चुअल माध्यम से संदेश दिया।

अपने संबोधन में पूर्व राज्यपाल व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि स्व. जीना द्वारा शिक्षा एवं समाज के लिए किए गए उनके कार्यों को भुलाया नहीं जा सकता है। वे राजनीति को सही दिशा देने वाले आदर्श है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, राजनीति हर जगह स्व. जीना का अपना एक विशिष्ट स्थान था। जीवनभर जनसंघ के सदस्य रहकर उत्तराखंड की सेवा करते रहे। वे हम सभी के प्रेरणास्रोत है। आज हम सभी को उनसे सीख लेने की जरूरत है।

कार्यक्रम के संयोजक एड गोविंद बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना में स्व. सोबन सिंह जीना बहुत बड़ा योगदान रहा था। वे हमेशा पर्वतीय विकास के पैरोकार भी रहे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में दो राजधानियों का कोई औचित्य नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि जब तक भराड़ीसैंण गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थाई राजधानी घोषित नहीं किया जाता। स्व. जीना की जयंती कार्यक्रम पर हर वर्ष यही विषय रहेगा।

एसएसजे​ विवि के पूर्व कुलपति व संकायाध्यक्ष कला संकाय प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने स्व. जीना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को लेकर विस्तार से जानकारी दी। और उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का स्मरण किया।

विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि स्व. जीना ने सामाजिक व वकालत के क्षेत्र में नजीर पेश की है। हम सभी को उनके प्रेरणा लेने व उनके बताएं मार्ग पर चलने की जरूरत है।

न्यास के अध्यक्ष व​ निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने शिक्षा के क्षेत्र में स्व. जीना एवं अंबादत्त पंत के कार्यों पर दृष्टि डाली। पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने राजनीति के क्षेत्र में प्रतिद्वंदिता का भाव छोड़कर स्व. जीना के आदर्शों को अपनाने की बात कही। आशुतोष महाराज ने एआई व आध्यात्म को लेकर समाज के सच को लेकर अपने विचार रखें।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि स्व. सो​बन सिंह जीना हमेशा लोगों के अधिकारों के लिए सक्रिय रहे। उनका शोध व लेखन हमेशा क्षेत्रीय अस्मिता को लेकर रहा। उन्होंने आगे कहा कि गैरसैंण उत्तराखंड की आत्मा है। गैरसैंण राजधानी के बगैर राज्य की अवधारणा अधूरी है। हम घोषित आपातकाल के खिलाफ भी लड़े थे और आज अ​घोषित आपातकाल के खिलाफ भी लड़ाई लड़ रहे है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना यूनिवर्सिटी में स्व. जीना के विचारों के अनुरूप शिक्षा, शोध आदि गतिविधियों को आयोजन होगा। यह विवि शिक्षा जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदानों के लिए जाना जाएगा।

न्यास द्वारा उच्च शिक्षा में विशिष्ट योगदान के लिए कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट को सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षा जगत की डॉ रेनू बिष्ट, डॉ गोकुल, शेर सिंह, डॉ. ललित जोशी, केवलानंद पाठक आदि को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा नगर क्षेत्र के स्कूलों के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रो. जीवन सिंह रावत, प्रो. सोनू द्विवेदी, रणजीत भंडारी, आलोक सत्याल, भुवन वर्मा, रघुनाथ सिंह चौहान, शिव सिंह राणा, डॉ. ललित जलाल, डॉ. दीपा जलाल, डॉ आस्था नेगी, राजेश बिष्ट, मनोहर नेगी, दयाकृष्ण कांडपाल, शेखर लखचौरा, रवि रौतेला, विनीत बिष्ट, धर्मेंद्र बिष्ट, कैलाश गुरुरानी, कुंदन लटवाल, पूरन रौतेला, हरीश बनौला समेत कई लोग मौजूद रहे।

 

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