इंडिया भारत न्यूज डेस्क: जूना अखाड़े ने अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी को 40 दिन पहले दी गई संन्यास दीक्षा को खत्म कर उसे अखाड़े से बर्खास्त कर दिया है। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी ने यह ऐलान किया। उन्होंने बताया कि दीक्षा खत्म होने के बाद वह अखाड़े के किसी मठ का संचालन नहीं कर पाएगा।
अल्मोड़ा में पांच सितंबर को खुद को जूना अखाड़ा से जुड़ा बताते हुए कुछ संतों ने जेल में बंद कुख्यात पीपी को दीक्षा देने की घोषणा की थी। दावा किया गया था कि अल्मोड़ा जेल में संन्यास दीक्षा दिलाने के बाद पीपी को प्रकाशानंद गिरी नाम दिया गया है और उसे मुनस्यारी के कामद मठ, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर मठ और यमुनोत्री के भैरो एवं भद्रकाली मंदिर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस मामले ने तूल पकड़ा तो जूना अखाड़े ने इसपर संज्ञान लिया। सात सितंबर को जूना अखाड़ा ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दशहरा तक कार्रवाई का आश्वासन दिया था। संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी ने मीडिया को बताया कि प्रकरण की जांच अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की है।
अखाड़े के संतों पर कार्रवाई पर अभी फैसला नहीं
महंत हरिगिरी ने मीडिया को बताया कि जेल में प्रकाश पांडे को दीक्षा देने वालों में कुछ फर्जी संत शामिल थे। दशनामी (जूना अखाड़ा) के केवल दो-तीन संत उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि दीक्षा खत्म कर अंडरवर्ल्ड डॉन को अखाड़े से बाहर कर दिया गया है। दीक्षा देने में शामिल अखाड़े के संतों पर कार्रवाई पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि इस मामले में सरकार के स्तर पर भी जांच चल रही है।