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दिव्यांग किशोर मौत मामला:: यूएसआर इंदू समिति संस्था की निष्पक्ष जांच करने की मांग, CM को भेजा ज्ञापन

10 दिसम्बर को एक अनाथ दिव्यांग बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत

 

रामनगर। निकटवर्ती ग्राम वसई की यूएसआर इंदू समिति में अनाथ दिव्यांग बालक विशेष की संदिग्ध मृत्यु और संस्था में घटित अन्य घटनाओं के विषय में निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर यूएसआर इंदू समिति संस्था की घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। एसडीएम की अनुपस्थिति में ज्ञापन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुनीता रानी को सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि संस्था में भारी अनियमितता हैं, और संस्था को सरकार द्वारा अनुदान दिए जाने के बाद भी यहां अनाथ दिव्यांग बच्चों के साथ हादसे हो रहे हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिला बाल कल्याण समिति द्वारा कई बार अभिभावकों की शिकायतों पर कार्यवाही नहीं की जाती है। ज्ञापन में कहा गया है कि इस संस्था पर कई मामले माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल, और माननीय जिला न्यायालय नैनीताल में लंबित है, उक्त घटनाओं में आरोपी लोगों को जिन पर बच्चों से हिंसा का आरोप है, उन्हें ही संस्था में नियुक्ति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री से उक्त मामले निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

ज्ञापन देने वालों में किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, संजय मेहता, विनोद करगेती, पूजा पाठक, दीपिका, अज़ीम खान आदि शामिल रहे।

 

लंबा सिलसिला है विवादों से यूएसआर इंदू समिति का

वसई स्थित दिव्यांग बच्चों की देखरेख के लिए संस्था यूएसआर इंदू समिति का विवादों से पुराना नाता है। रामनगर में दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित की जाने वाली संस्था यू एस आर इंदू समिति में 10 दिसम्बर 2024 को एक अनाथ दिव्यांग बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु होने से पूर्व भी कई घटनाएं ऐसी ही चुकी हैं जो बताती हैं कि यहां का परिवेश दिवतांग बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। वर्ष 2022 में एक अनाथ दिव्यांग बच्चा सुभाष यहां से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था, जिसका आज तक सुराग नहीं लग पाया है। उस समय भी विद्यालय प्रबंधन ने मामले की गुमशुदगी छुपाने का कार्य किया था। यह मामला वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल में लंबित है। इसके साथ ही वर्ष 2022 में ही संस्था में अध्ययनरत छात्र हर्षित परगाई और छात्रा महिमा गौरा के साथ विद्यालय स्टाफ द्वारा हुई मारपीट का मामला माननीय जिला न्यायालय में विचाराधीन है।

वर्ष 2023 में अपने ही एक सफाई कर्मचारी अंबुज कुमार से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग और मार-पीट इस संस्था के प्रबंधक संदीप रावत और उसके साथियों द्वारा की जा चुकी है, यह मामला माननीय जिला न्यायालय, नैनीताल में विचाराधीन है। वर्ष 2024 मई माह में भी एक अनाथ दिव्यांग बालिका की यहां मृत्यु हो चुकी है। इसके साथ ही कई अभिभावक अपने बच्चों के साथ मार-पीट की शिकायत जिला प्रोबेशन अधिकारी, नैनीताल और जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष कर चुके हैं, लेकिन इन दोनों ही विभागों द्वारा कई शिकायतों को दबा दिया गया है।

इसके अतिरिक्त यहां कई अन्य दिव्यांग बच्चों के साथ भी अनहोनी होने की संभावना है। जबकि संस्था को महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा मिशन वात्सल्य परियोजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इतने प्रकरणों से स्पष्ट है कि इस संस्था का विवादों से गहरा संबंध है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है।

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