अल्मोड़ा: फलसीमा की जमीनों पर सुनियोजित रूप से बाहरी दबंग भू-माफियाओं द्वारा कब्जे की कोशिश ने तूल पकड़ लिया है। गत शनिवार को हुई घटना के बाद रविवार को फलसीमा के ग्रामीणों ने गांव में सभा व प्रदर्शन कर चेतावनी दी कि ग्रामीण किसी भी कीमत पर गांव की जमीन पर कब्जा नहीं होने देंगे।
गांव के धूनी मंदिर में आयोजित सभा में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि न्यायालय के आदेश के बावजूद भू माफियाओं को बचाने के लिए उनके खिलाफ बहुत साधारण धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसको लेकर उन्होंने एसएसपी से शिकायत भी की है। ग्रामीणों ने कहा कि जो लोग गांव में आकर अशांति फैला रहे हैं उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और कार्रवाई न होने पर उनके खिलाफ आंदोलन करने को विवश होंगे।
ग्रामीणों ने जनसभा के दौरान जन गीत गाए और नारेबाजी कर अंतिम दिन तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया और कहा कि यह लड़ाई केवल फलसीमा की नहीं है बल्कि पूरे उत्तराखंड की है। कहा कि सरकार सशक्त भू कानून लागू करने की बात करती है लेकिन जो लोग पहाड़ में इस तरह भूमि कब्जाने का कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों ने भूमि की खरीद परोक्ष में लिप्त स्थानीय दलालों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की और ऐसा न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।
बैठक में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि सरकार भू माफियाओं और पूंजीपतियों को संरक्षण देकर उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन की लूट खसोट कर रही है जिसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की सरकार प्राकृतिक संसाधनों जमीनों पर पूंजीपतियों व माफियाओं का कब्जा करा रही है जिससे उत्तराखंड के मूल निवासियों को अपनी रोजी-रोटी के लिए पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बैठक में लक्ष्मण सिंह, दीवान सिंह, बलवंत सिंह, विनोद सिंह, किशन सिंह बिष्ट, किशन सिंह, जीवंती बिष्ट, रेखा बिष्ट, सुनीता बिष्ट, लीला बिष्ट, हेमा बिष्ट, गणेश बिष्ट, सर्वजीत बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, भोपाल बिष्ट, मोहन बिष्ट, आशा देवी, दीपा देवी, दीपक बिष्ट, विनीत बिष्ट, पान सिंह, पूर्ण सिंह, नंद सिंह, उछास की भावना पांडे, हेमा पांडे, ममता जोशी, ममता बिष्ट समेत कई लोग मौजूद रहे।