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पूर्व स्पीकर कुंजवाल बोले- ‘गैरसैंण की अवहेलना पहाड़ की बर्बादी होगी’, भू-कानून पर धामी सरकार को लिया आड़े हाथ

अल्मोड़ा: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने राज्यपाल के अभिभाषण में गैरसैंण का जिक्र न होने को दुर्भाग्यूपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण प्रदेश की आत्मा है, राज्य आंदोलन से लेकर राज्य बनने तक इसी मूल भावना के साथ लड़ाईयां लड़ी गई है। अगर आत्मा को ही निकाल दिया जाए तो प्रदेश का क्या होगा यह सोचनीय व चिंतनीय है।

कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व स्पीकर कुंजवाल ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी का आज कोई अता पता नहीं है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने प्रतिवर्ष बजट सत्र गैरसैंण में कराने की बात कही थी। लेकिन बजट सत्र देहरादून में कराकर सरकार ने गैरसैंण की अवहेलना करने का काम किया है।

कुंजवाल ने कहा गैरसैंण में विस भवन व अन्य विकास कार्य कांग्रेस की देन है। कांग्रेस को दो बार सत्ता में रहने का मौका मिला। राज्य गठन के बाद पहली बार बनी निर्वाचित सरकार के समय राज्य की मूलभूल जरूरतों समेत अन्य विकास कार्यों पर काम किया गया। जबकि दूसरे टर्म में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की सरकार में भराड़ीसैंण, गैरसैंण में विस भवन का लोकार्पण किया गया और हरीश रावत की सरकार ने इन कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया। कांग्रेस सचिवालय भवन का निर्माण कर जल्द गैरसैंण से सरकार चलाने की मंशा के साथ आगे बढ़ रही थी। लेकिन भाजपा सरकार आते ही गैरसैंण की प्रगति रूक गई।

कुंजवाल ने कहा, गैरसैंण की अवहेलना पहाड़ की बर्बादी होगी। आज पर्वतीय जिलों में खेती बाड़ी चौपट होने की कगार पर है, खेत बंजर हो गए है। इससे जहां अनाज का संकट पैदा हो रहा है वही, बंजर खेतों में जल संचय न होने से पर्यावरणीय नुकसान भी आगे बड़ा संकट बनेंगे। पहाड़ का विकास नहीं होने से पलायन तेजी से बढ़ रहा है गांव के गांव खाली हो गए हैं। जिस मंशा के साथ उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था उसमे कुछ हद तक कार्य हुए हैं। लेकिन शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दों पर अब भी काफी काम करने की जरूरत है। विकास का मॉडल तो है लेकिन समस्याओं की गहराई से पड़ताल व उनके जड़ तक जाने की जरूरत है। राज्य की मूल भावना के अनुरूप काम नहीं होने से सबसे अधिक पहाड़वासियों का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वें दावे के साथ कह सकते हैं अगर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाए तो इससे पहाड़ का विकास भी होगा और तेजी से हो रहा पलायन भी रूकेगा।

 

जमीन खरीद ब्रिकी का श्वेत पत्र जारी करें धामी सरकार

अल्मोड़ा। भू काूनन के मुद्दे पर पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य में सशक्त भू कानून लाने की बात कर रहे हैं। उनकी सीएम से मांग है कि वह राज्य गठन के बाद से अब तक किस मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जमीन की कितनी खरीद व ब्रिकी हुई है उसका श्वेत पत्र जारी करें। कुंजवाल ने दावा करते हुए कहा कि धामी सरकार में प्रदेश में सबसे अधिक जमीनों की खरीद फरोख्त हुई है।

प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भोज, नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, राधा बिष्ट, दीपक कुमार, निर्मल रावत आदि मौजूद रहे।

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