अल्मोड़ा: उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार द्वारा जागेश्वर में भारतीय विवाह संस्कार एवं दाम्पत्य मर्यादा पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। संस्कृत अकादमी से आए वक्ताओं ने पुरोहितों को विवाह संस्कार संपन्न करवाने से संबंधित तमाम जानकारियों से रूबरू कराया। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले पुजारियों को अकादमी की ओर से प्रमाण पत्र दिए गए।
मुख्य अतिथि तहसीलदार बरखा जलाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए संस्कृत अकादमी के शोध अधिकारी डॉ. हरीश चंद्र गुरुरानी ने संस्कृत और वेदों से जुड़ी तमाम जानकारियां दीं। उन्होंने मौजूदा समय में विवाह संस्कार संक्षिप्त रूप से संपन्न कराने पर चिंता जाहिर की। कहा कि आचार्यों को यजमान का विवाह पूर्ण वैदिक रीति रिवाजों के साथ ही संपन्न कराना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक सहायक निदेशक प्रेम प्रकाश ने सभी अतिथियों एवं पुरोहितों का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक सहायक निदेशक प्रेम प्रकाश, आचार्य गिरीश भट्ट, निर्मल भट्ट, निर्वतमान ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख योगेश भट्ट, बिपिन भट्ट, गोकुल भट्ट, तारा भट्ट, खीमानंद भट्ट, पंकज भट्ट, नाथु भट्ट, महेश भट्ट, भगवान भट्ट, आनंद भट्ट आदि मौजूद रहे।