अल्मोड़ा। राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं मंडल के मंडलीय मंत्री रविशंकर गुसाईं ने कहा कि अंतरमंडलीय स्थानांतरण पर हाईकोर्ट से स्टे लगने के बाद शिक्षक समाज में रोष है। उन्होंने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ पिछले दो साल से इस मामले में नियम संगत प्रक्रिया अपना रहा है। लेकिन हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा अंतरमंडलीय स्थानांतरण के लिए बनाई गई एसओपी को स्थगित कर दिया है। जिससे 366 शिक्षकों के स्थानांतरण रोक दिए गए है।
गुरुवार को प्रेस को जारी एक बयान में मंडलीय मंत्री गुसाईं ने कहा कि बीते 12 मार्च को शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की मौजूदगी में देहरादून में सभी अन्तरमंडलीय शिक्षकों को स्थानांतरण आदेश आवंटन किए जाने थे। कुछ समय पूर्व मंत्रीमंडल में प्रशिक्षित स्नातक सेवा नियमावली के बिंदु 4(1) में संशोधन कर अंतरमंडलीय स्थानांतरण का प्रावधान किया था। मत्रीमंडल ने वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर इस स्थानांतरण को मंजूरी दी थी, लेकिन अतिथि शिक्षकों ने इस प्रक्रिया पर बिना सोचे समझे अड़चन डाली दी है, जबकि इस प्रक्रिया से कही भी अतिथि शिक्षक का कोई लेना देना नहीं था। लंबे समय के बाद अंतरमंडलीय शिक्षकों को वरिष्ठता को त्याग कर अपने गृह मंडल जाने का मौका मिला था लेकिन अचानक न्यायालय के आदेश के बाद यह प्रक्रिया बाधित हो गई है।
गुसाईं ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की अगर कोई समस्या है तो उनका संघर्ष सरकार एवं विभाग से होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि अतिथि शिक्षक संगठन के कई नेता अपने साथी शिक्षकों के हित में संघर्ष करने बजाय ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं जो राजकीय शिक्षकों से उनके टकराव का कारण बन रही है। यह केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की राजनीति है और इस तरह के उकसावे से राजकीय शिक्षा और व्यापक सार्वजनिक शिक्षा का हित ही प्रभावित होता है।
गुसाईं ने कहा कि शीघ्र ही कुमाऊं मंडल कार्यकारिणी अंतरमंडलीय शिक्षकों से विचार विमर्श कर स्थानांतरण स्टे पर न्यायिक राय लेकर उच्च न्यायालय में इन्वेशन एप्लिकेशन दायर करेगी।