अल्मोड़ा। सरकारी विभाग जनता के प्रति कितने जवाबदेह हैं यह सब जगजाहिर है, लेकिन विभाग के प्रति कार्मिकों की संवेदनहीनता और पुलिस की लापरवाही का उदाहरण भी अब सामने आया है। अस्सी के दशक में फर्जी तरीके से स्वास्थ्य विभाग में तीन लोगों द्वारा नौकरी पाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग ने तीनों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अल्मोड़ा डॉ. आरसी पंत ने इसे लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। तहरीर के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार में 24 मई 1989 को तकनीकी, गैर तकनीकी, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पदों पर नियुक्तियां हुई थी। अरुण शुक्ला पुत्र रामकुमार शुक्ला, निवासी ग्राम महजेन कानपुर उप्र, बीरबल सिंह पुत्र राम सिंह, निवासी ग्राम हरेईपुर पो० मुम्जिला और जयवीर सिंह पुत्र राम ग्राम अन्दरसा, कानपुर, उप्र को बहुद्देशीय कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति मिली थी।
सीएमओ ने कहा है कि इन तीनों ने फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां प्रस्तुत करके 24 मई 1989 को नौकरी हासिल की थी। जिला स्तर की जांच में पाया था कि नियुक्ति पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी, अल्मोड़ा कार्यालय से जारी नहीं किया गया था। इन फर्जी नियुक्ति पत्रों में तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी थे।
सीएमओ ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए इस प्रकार की नियुक्ति के पीछे किसी गैंग का सुनियोजित षड्यंत्र होने की आशंका जताई है। तहरीर में कहा गया है कि शासन को 25 फरवरी 1992 को इस मामले की जानकारी दी गई थी। दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपितों ने दूसरे जनपदों से स्थानांतरण दिखाकर अल्मोड़ा में कार्यभार ग्रहण किया और फर्जी ढंग से सेवा अभिलेख तैयार किए गए।
सीएमओ ने कहा है मामले को लेकर पूर्व में विभाग द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई थी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई। सीएमओ डॉ. आरसी पंत ने फर्जी नियुक्ति के मामले में पुलिस से आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले दो लोगों ने 35 वर्ष तक वेतन भी लिया और अब रिटायर हो गए हैं। एक व्यक्ति अब भी अल्मोड़ा जिले में सेवारत है। कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय ने बताया कि सीएमओ की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।