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राष्ट्रपति के हाथों ‘राष्ट्रीय जल सम्मान’ से सम्मानित हुए शिक्षक मोहन कांडपाल, कई सालों से चला रहे पानी बोओ-पानी उगाओ अभियान

 

अल्मोड़ा। पहाड़ों में जल संरक्षण की मिसाल बन चुके कांडे गांव निवासी और आदर्श इंटर कॉलेज सुरइखेत के शिक्षक मोहन चंद्र कांडपाल को जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मंगलवार को नई दिल्ली विज्ञान भवन में 6 वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया।

 

बेस्ट इंडिविजुअल फॉर एक्सीलेंस इन वाटर सेक्टर श्रेणी में उत्तर भारत के वह एकमात्र शख्स रहें, जिन्हें यह सम्मान दिया गया है। गौरतलब है कि मोहन कांडपाल पिछले कई वर्षों से पानी बोओ–पानी उगाओ अभियान चला रहे हैं। उन्होंने चालीस से अधिक गांवों में जल संरक्षण कार्यों के माध्यम से 4500 से अधिक गड्ढे, वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं व स्थानीय स्रोतों का पुनर्जीवन करवाया है। साथ ही एक लाख से अधिक विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण कर इससे ग्रामीणों व छात्रों को जोड़कर जल संरक्षण की व्यापक पहल की है।

 

कांडपाल ने पहाड़ी क्षेत्रों में सूख चुके गधेरों, धारों व पारंपरिक स्रोतों के पुनर्भरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अभियान के माध्यम से रिकसन नदी को बचाने का प्रयास किया है। और इस नदी में जल की बढ़ोतरी हुई है। इस अभियान में उन्हें जनता का भी काफी सहयोग मिला।

 

शिक्षक कांडपाल को सम्मान मिलने से क्षेत्रवासियों में हर्ष का माहौल है। पुरस्कार मिलने पर द्वाराहाट विधायक मदन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक महेश नेगी, पुष्पेश त्रिपाठी, उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी, भाजपा नेता अनिल शाही, ब्लॉक प्रमुख आरती किरौला, व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र कांडपाल आदि ने उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की है।

 

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