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सत्ता के संरक्षण में जमीन हथियाने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई जरूरी

 

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में बढ़ते भू माफियाराज के खिलाफ ‘माफिया संस्कृति जन विरोधी अभियान’ की शुरूआत हो गई है। बुधवार को नगरपालिका के स्व. विजय जोशी सभागार में संगोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान उत्तराखंड को भू खनन, माफियाओं के ऐशगाह बनने से बचाने के लिए असामाजिक तत्वों को सामाजिक मान्यता देने उनके महिमा मंडन न करने के साथ उनके खिलाफ सीधी लड़ाई शुरू करने पर जोर दिया गया।

अभियान के संयोजक एवं उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के 22 वर्षों में इस राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की लूट के साथ जीवन के हर क्षेत्र में राजनीतिक प्रशय प्राप्त असामाजिक तत्वों की घुसपैठ तेज हुई है जिससे यहां का सामाजिक ढांचा छिन्न भिन्न हो रहा है जिसके लिए समाज को अपराध, अराजकता, लूटपाट की साजिश में लगे अपराधियों के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलने की जरूरत होगी।

इस दौरान तमाम वक्ताओं ने राज्य बनने के बाद हाल हाल में प्रकाश में आए हेलंग में सरकार द्वारा महिलाओं के अपमान, युवा दलित नेता जगदीश हत्याकांड में सरकार की संवेदनहीनता, अंकिता हत्याकांड, भर्ती घोटाला, डांडा कांडा, प्लीजेंट वैली फाउंडेशन की आपराधिक गतिविधियों, जमीनों पर कब्जा की समीक्षा करते हुए कहा कि जब गृह विभाग का उच्च अधिकारी स्कूल के नाम पर कब्जाई गई जमीन में बच्चों का यौन शोषण कर वर्षों तक उत्तराखंडी समाज को उत्पीड़ित कर दबंगई से मनमानी कर सकता है तो इसके लिए हमारी सरकार, नौकरशाह, इनको संरक्षण देने वाले कथित जनप्रतिनिधि शामिल हैं।

उत्तराखंड के क्षेत्र में पर्यटन, स्कूल व संस्थाओं के नाम पर सत्ता के संरक्षण में जमीन हथियाने वाले तत्वों की छानबीन कर उनको छोटे से छोटे कर्मचारियों से लेकर, बड़े नौकरशाहों की मिलीभगत के लिए उन्हें दंडित करना जरूरी है।

संगोष्ठी में डांडा कांडा प्लीजेंट वैली में वर्षों से चल रहे अपराध, अराजकता, सरकारों के खेल की उच्चस्तरीय जांच के लिए SIT गठित कर निष्पक्ष जांच करने एवं 2 दिसंबर 2008 को इस हेतु मिली अनुमति की शर्तों के अनुरूप इस पूरी संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने की मांग की है।

संगोष्ठी में उत्तराखंड के नागरिक समाज, छात्र, युवा, महिला, कर्मचारी, सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं से इन सवालों पर अपनी राय को सार्वजनिक कर माफिया राज को समाप्त करने हेतु आगे आने की अपील की।

संगोष्ठी में वन पंचायत सरपंच संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह मेहरा, राज्य आंदोलनकारी कमला जोशी, उत्तराखंड लोक वाहिनी के दया कृष्ण कांडपाल, एडवोकेट जीवन चंद्र, पान सिंह बोरा, नागरिक मंच पौड़ी से नरेश नौड़ियाल, आनंदी वर्मा, हीरा देवी, उत्तराखंड छात्र संगठन की दीक्षा सुयाल, भावना पांडे, मो. शाकिब, गोपाल राम, चंपा सुयाल, हेमा पांडे, रेशमा परवीन, राजू गिरी, मनोज पंत, भारती पांडे, दीपांशु पांडे आदि लोग मौजूद रहे।

 

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