अल्मोड़ा: संगीतकार एवं रामलीला के उस्ताद सोमेश्वर निवासी 104 वर्षीय मोहन लाल का निधन हो गया है। सोमवार सुबह करीब साढ़े 7 बजे अपने निवास स्थान सोमेश्वर में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मोहन उस्ताद ने नाम से विख्यात संगीतकार मोहन लाल ने करीब 50 स्थानों पर रामलीला मंचन की नींव रखी। उन्होंने अल्मोड़ा जिले के अलावा कई अन्य जिलों में भी रामलीला मंचन में संगीतकार की भूमिका निभाई। तथा अनेक लोगों को संगीत के तहत हारमोनियम, तबला वादन की शिक्षा भी दी। उनके 3 पुत्रों तथा एक पुत्री का भरापूरा परिवार है।
सोमवार को उनका अंतिम संस्कार सोमेश्वर के श्मशान घाट में किया गया। जहां उनके पुत्र गोविन्द लाल ने मुखाग्नि दी। क्षेत्र के अनेक संगठनों से जुड़े लोगों ने यात्रा में सम्मिलित होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बताते चलें कि मोहन उस्ताद के सबसे छोटे पुत्र गोविंद लाल तथा उनके पौत्र हरीश कुमार आज भी अनेक क्षेत्रों की रामलीलाओं में संगीतकार की भूमिका निभाते हैं।
उनके निधन पर रामलीला कमेटियों, व्यापार मण्डल, लोक कलाकारों, कांग्रेस, भाजपा, सोमनाथ महावीर रामलीला कमेटी, बौरारौ घाटी विकास संघर्ष समिति सहित अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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