अल्मोड़ा। बुजुर्ग महिला के दस्वावेजों व अन्य अभिलेखों का दुरुप्रयोग कर फर्जी बैनामा करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दया राम ने कोर्ट ने कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए है। महिला द्वारा पूर्व में पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई थी। लेकिन तब पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
पीड़ित महिला की ओर से एडवोकेट पीसी तिवारी ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि नगर से लगे फलसीमा गांव की गोल खाते की बंटवारा जमीन को नजफगढ़ रोड, नागलोई, दिल्ली निवासी अविनाश यादव ने 35 रजिस्ट्री के माध्यम से करीब 72 नाली जमीन खरीदी है, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी असंतोष रहा है। इन मामलों के प्रकाश में आने के बाद 13 फरवरी 2023 को भूमाफिया भगाओ, उत्तराखंड बचाओ जन अभियान के तहत जोरदार प्रदर्शन भी हुआ। जिसके बाद तत्कालीन डीएम वंदना सिंह ने इन मामलों की जांच के आदेश दिए थे।
तिवारी ने बताया कि घटना के सामने आने के बाद जमीन क्रय करने वाले अविनाश यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा के न्यायालय में स्वयं द्वारा की गई रजिस्ट्री को भूलवश होना बताते हुए निरस्त करने का मुकदमा दर्ज किया, जो अभी चल रहा है।
पीड़ित महिला ने इसे उसकी जमीन को कूटनीति से कब्जा करने की सुनियोजित साजिश बताते हुए कहा है कि इस मामले में सम्मिलित लोग आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए रजिस्ट्री को निरस्त करने का वाद लाए हैं इसका उनके द्वारा कड़ा विरोध किया गया।
पीड़ित महिला भागीरथी देवी की शिकायत थी कि वह रजिस्ट्री के दिन वह रजिस्ट्रार कार्यालय गई ही नहीं थीं लेकिन उनके आधार कार्ड एवं अन्य अभिलेखों का दुरुपयोग कर उनके नाम से कूटरचित फर्जी बैनामा किया गया। पीड़ित महिला ने इस मामले का पता चलने पर 31 मई 2022 को कोतवाली अल्मोड़ा में लिखित रिपोर्ट दी। लेकिन पुलिस ने उसे दर्ज नहीं किया।
लगातार प्रयास करने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। अब न्यायालय ने कोतवाली अल्मोड़ा को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
एडवोकेट पीसी तिवारी ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दयाराम द्वारा एफआईआर दर्ज करने के इस आदेश पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाई , तो उसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।