अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के ऐतिहासिक मल्ला महल का संरक्षण कार्य पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में नहीं कराये जाने एवं महल के संरक्षण कार्य की रूपरेखा सावर्जनिक नहीं किए जाने पर नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने नाराजगी जताई है। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि मल्ला महल को किस तरह भव्य रूप दिया जाएगा और अल्मोड़ा तथा इस पर्वतीय क्षेत्र के अतीत के इतिहास को संरक्षित किया जाएगा एवं वहां की व्यवस्थाओं को किस प्रकार सुनिश्चित किया जाएगा, इसकी जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही की इस मनोवृत्ति का विरोध किया जाना चाहिए। यह जनता का पैसा है इसलिए सरकार को चाहिए कि वह मल्ला महल के संरक्षण कार्य को सार्वजनिक करें ताकि लोगों की मल्ला महल के संरक्षण कार्य की रूपरेखा के बारे में जानकारी मिल सकें।
पालिका सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि मल्ला महल एक ऐतिहासिक विरासत है। अवैज्ञानिक रूप से बिना किसी विशेषज्ञ के निर्देशन में यहां पर संरक्षण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि मल्ला महल में हो रही अनियमितताओं को लेकर सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर बचाओ संघर्ष समिति द्वारा पूर्व में इसका विरोध किया गया। लेकिन प्रशासन द्वारा समिति व सामाजिक संगठनों समेत संघर्षरत लोगों की आवाज दबाने के लिए तब तमाम हथकंडे अपनाये गए और जनता की बात को नहीं सुना गया। उन्होंने कहा कि बीते दिन कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने निरीक्षण के दौरान बिना विषय विशेषज्ञों के कार्य कराए जाने पर नाराजगी जताई। जिसकी मांग समिति द्वारा पहले से की जा रही है। उन्होंने कहा कि मल्ला महल के संरक्षण कार्य में जो भी अनियमितताएं रही है, उनकी पुरातत्वविदों के द्वारा जांच करायी जाये।
पालिकाध्यक्ष जोशी ने कहा कि जिलाधिकारी वंदना के आने के बाद से मल्ला महल के संरक्षण कार्य की व्यवस्थाओं में बदलाव देखने का मिला है। लेकिन मल्ला महल को किस तरह भव्य रूप दिया जाएगा अभी तक न तो इसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों को दी गई है और न ही जनता को इस संंबंध में कुछ जानकारी है। उन्होंने मल्ला महल के संरक्षण कार्य व भविष्य की योजनाओं को सार्वजनिक किए जाने की मांग की है।
कलक्ट्रेट आने-जाने के लिए यातायात की सुविधा बढ़े
नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि मल्ला महल स्थित कलक्ट्रेट भवन के सभी दफ्तरों को नवीन कलक्ट्रेट में शिफ्ट कर दिया गया है। बीते दिनों उपजिलाधिकारी व तहसील को भी नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन नवीन कलक्ट्रेट जाने के लिए यातायात की सुविधा नहीं होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि नवीन कलक्ट्रेट में आवागमन के लिए उचित कदम उठाए जाए और कलक्ट्रेट तक जाने वाले मोटर मार्ग का चौड़ीकरण व डामरीकरण किया जाए। ताकि यातायात सुगम हो सके और लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
सीवरेज को लेकर ठौस कदम उठाए सरकार
नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि नगर में सीवरेज एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर में सीवर का एक ही फेज कार्य कर रहा है। वह भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा है। कहा कि पूर्व में शहर में एडीवी परियोजना के उक्त प्रस्ताव विचाराधीन था। उन्होंने कहा कि जायका परियोजना के तहत इस कार्य को कराया जा सकता है। अल्मोड़ा को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सबसे पहले सीवरेज की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि यहा की गंदगी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे शीर्ष वरियता देते हुए अल्मोड़ा नगर को इस परियेाजना में शामिल करना चाहिए।
पालिका को वापस मिले नक्शें पास करने का अधिकार
पालिकाध्यक्ष जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार छीनने के बाद से पालिका को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रत्यके वर्ष करीब 30 से 40 लाख की आर्थिक हानि पालिका को हो रही है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम 2016 के तहत नगर क्षेत्र में भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार नगर पालिका से छीन लिया गया है। कहा कि जिन मानचित्रों का अपहरण सरकार द्वारा किया गया है पालिका की उस संपत्ति को पालिका को लौटाए जाए।