एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपए लिए
इंडिया भारत न्यूज़ डेस्क: ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के कड़च्छ मोहल्ले से 8 महीने के बच्चे के अपहरण की घटना का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए इस में मामले में शामिल बच्चे खरीदने वाले कपड़ा व्यापारी और उसकी पत्नी सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मासूम का अपहरण पड़ोसी महिलाओं ने मिलकर किया था। इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने कपड़ा व्यापारी से ढाई लाख रुपये में सौदा तय करके बच्चा उसे सौंप दिया था। खुलासा करने वाली टीम की डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल और एसएसपी अजय सिंह ने पीठ थपथपाई है।
ऐसे बनाई गई थी अपहरण की योजना
अपर रोड पर कपड़े की दुकान चलाने वाला संजय की कोई संतान नहीं है। उसने अपनी परिचित आंगनबाड़ी वर्कर रुबी से बच्चा दिलाने के लिए कहा। रुबी ने अपनी जानकार आशा से इस बारे में बात की। जिसके बाद सुषमा ने अपनी समधन अनीता और उसकी मुंह बोली बेटी किरन के साथ मिलकर पड़ोस में रहने वाले रविंद्र और राखी के मासूम बेटे शिवांग का अपहरण करने का ताना-बाना बुना। रविंद्र का घर किरन के घर से बिलकुल सटा हुआ था, इसलिए मौका लगते ही वह बच्चे को उठाकर ले आई। जिसके बाद उसने बच्चा सुषमा को सौंप दिया।
सुषमा बच्चे को लेकर जटवाड़ा पुल पहुंची। जहां उसने बच्चा किरन की मां अनीता को सौंप दिया। इसके बाद दोनों ने रुबी और आशा को बताया कि काम हो गया है। ग्राहक को बुला लीजिए। बाद में बहरादराबाद क्षेत्र के बढेड़ी राजपूतान स्थित एक पेट्रोल पंप के पास उनकी मुलाकात संजय से हुई। जहां उन्होंने बच्चा उसे सौंप कर 50 हजार रुपए ले लिये। बाकी दो लाख रुपए संजय ने बाद में देने की बात कही। इसके बाद संजय बच्चे को लेकर हरिपुर कला एक गेस्ट हाउस में ले गया।
बच्चा चोरी की सूचना फैलने के बाद संजय डर गया। उसने रविवार सुबह रूबी और आशा को फोन किया। भारत माता मंदिर के पास बुलाकर बच्चा उन्हें वापस कर दिया। इसी दौरान तीनों को पकड़ लिया गया और सारे मामले का खुलासा हो गया। उन्होंने बताया कि 50 हजार रुपये भी बरामद कर लिये गए हैं।
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