अल्मोड़ा: शिक्षा विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन द्वारा संयुक्त रूप से राजकीय बालिका इंटर कालेज सारकोट में पुस्तक मेला (Book fair in Government Girls Inter College Sarkot) का आयोजन किया गया। मेले में देश-विदेश का उत्कृष्ट, सुरूचिपूर्ण एवं जीवनपयोगी साहित्य उपलब्ध कराने के साथ ही कई रुचिकर स्टाल लगाये गये। इन स्टालों के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में गणित सीखने, गांधी पोस्टर प्रदर्शनी, कहानी सुनने सुनाने की कला व लैंगिक भेदभाव प्रति जागरूक किया गया।
इस अवसर पर ‘पढ़ने लिखने का संस्कृति और अध्यापक’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने कहा कि बच्चों में पढ़ने की संस्कृति विकसित करने में इस तरह के मेले काफी कारगर साबित होते हैं। उन्होंने एक अभियान चलाकर पुस्तक दान दिवस मनाने व हर गांव में पुस्तकालय खोले जाने की आवश्यकता बताई।
बाल प्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा कि पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के लिए किताबों तक बच्चों की पहुंच बनानी होगी। इसके लिए उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि ये रुचिकर किताबें अपने बच्चों तक पहुंचाए।
लोक प्रबंध विकास संस्था के संचालक ईश्वर जोशी ने गांव में शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के साथ ही सरकारी स्कूलों पंचायत एवं अभिभावकों को मजबूत बनाये जाने की बात कही।
जीआईसी सीज के प्रधानाचार्य चन्द्रकांत तिवारी ने बच्चों में अध्ययन की आदत डालने हेतु उन्हें निरंतर प्रेरित करने तथा इसके लिए विद्यालय स्तर पर स्थापित पुस्तकालय का अधिकाधिक उपयोग करने पर बल दिया।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के लोकेश ने किताबों की दुनिया के तमाम रोचक अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किताबें हमें संवेदनशील बनाती है।
प्रधानाचार्य पुष्पा आर्या ने वर्तमान डिजिटल दौर में किताबों के अध्ययन के प्रति जनमानस के रुझान में आ रही कमी को चिन्ताजनक बताया।
संचालन संदीप ने किया। पुस्तक मेल में नवल पंत प्रीतम गुप्ता, किशोर तिवारी, डुंगर सिंह, अभिजीत, पवनेश ठकुराठी, भुवन सिराडी, सिवानी वर्मा, जय प्रकाश तरपाल गगन साहनी, अंकित जोशी, हरीश बिष्ट, धीरज भाकुनी, गोबिन्द सिंह भंडारी आदि मौजूद रहे।
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