अल्मोड़ाः वन रैंक वन पेंशन-2(OROP) में विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के बैनर तले पूर्व सैनिकों ने चौघानपाटा गांधी पार्क में धरना व जोरदार प्रदर्शन किया। इस धरने में जिलेभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक पहुंचे।
पूर्व सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन, एमएसपी, सातवें वेतन आयोग में उनके साथ अन्याय हुआ है। सिपाही से लेकर हवलदार रैंक की पेंशन बहुत कम बढ़ाई गई और नायब सूबेदार से लेकर आनरेरी कैप्टन तक के पदों की पेंशन को कम कर दिया गया, जो न्यायसंगत नहीं है।
संगठन के अध्यक्ष रिटायर्ड सूबेदार आनंद सिंह बोरा ने कहा कि ओआरओपी-2 के लिए सरकार ने सरकार ने 23,800 करोड़ आवंटित किए लेकिन इतनी बढ़ी रकम देने के बाद भी 97 फीसदी पूर्व सैनिकों के हिस्से कुछ नहीं आया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार पूर्व सैनिक को मजबूरन सड़कों पर आकर जंतर मंतर दिल्ली में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो केंद्र सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा।
संगठन के संयोजक सूबेदार मेजर मोहन चंद्र जोशी ने कहा कि मध्यमवर्गीय व किसान वर्ग से आने वाले सिपाही से सूबेदार मेजर, आननरी कैप्टन रैंक तक के जो जवान सेना में जाते है उनका उत्पीड़न हुआ है। ओआरओपी-2 में काफी विसंगतिया है। मिलिट्री सर्विस पे में विसंगति का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जो जवान सियाचीन ग्लेशियर के अग्रिम पोस्ट व हर मोर्चे पर पहली पंक्ति पर खड़ा रहता है उसे 5200 रुपये मिलिट्री सर्विस पे दिया जा रहा है। लेकिन आफिसर को 10800 से 15500 तक मिलिट्री सर्विस पेे दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पूर्व सैनिकों को एक समान एम.एस.पी मिलनी चाहिए। सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा।
इस दौरान कई अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखें। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार जवानों के साथ भेदभाव बंद करें। सब को एक समान रखे। साथ ही डिसेबिलिटी पेंशन व विधवा पेंशन की विसंगतियों को भी दूर करने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन के बाद पूर्व सैनिकों ने मुख्य बाजार में जुलूस निकाला तथा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेज मांगों पर कार्यवाही की मांग की
धरना-प्रदर्शन में संगठन के अध्यक्ष पूर्व सूबेदार आनंद सिंह बोरा, उपाध्यक्ष हयात सिंह, हरीश सिंह बिष्ट, शेर सिंह नेगी, केशव दत्त पांडे, संरक्षक पीजी गोस्वामी, केशव दत्त पांडे, विनोद गिरी, सुरेंद्र लाल टम्टा, रघुवर सिंह सांगा, पूरन एड़ी, नंदन सिंह कंडवाल, सुरेंद्र सिंह असवाल, दान सिह बिरोलिया, चंद्र प्रकाश, रवि कुमार जोशी सहित विभिन्न स्थानों से आए पूर्व सैनिक शामिल थे
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