इंडिया भारत न्यूज़ डेस्क: बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान हुए गोलीकांड में हेमंत ब्लोटी को अंतरिम राहत देते हुए हाइकोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है।
एफआईआर निरस्त करने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ में हुई। यह एफआईआर पुलिस ने दर्ज की है।
हेमंत ब्लोटी ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल जिले के बेतालघाट में 14 अगस्त को ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान दो पक्षों के बीच गोलीबारी की घटना हुई थी। जिसमें एक व्यक्ति के पैर पर गोली लगी, जिसमें वो घायल हो गया था। इस मामले में नैनीताल पुलिस ने उनके (हेमंत ब्लोटी) के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। जिससे उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है। जबकि, पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
याचिका में कोर्ट से बेबुनियाद वजह से उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की प्रार्थना की गई है। हेमंत ब्लोटी का कहना है कि इस घटना से उनका दूर-दूर तक का कोई वास्ता नहीं है। जिस पर न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए हेमंत ब्लोटी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। इस मामले में अब राज्य सरकार को कोर्ट में जवाब पेश करना होगा।
यह था मामला
बीती 14 अगस्त को नैनीताल जिले के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख के लिए वोटिंग की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच एक प्रत्याशी समर्थकों ने प्रतिद्वंदी खेमे पर पिस्टल निकाल कर कई राउंड फायर कर दिए। फायरिंग में महेंद्र सिंह बिष्ट नाम का शख्स गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
बेतालघाट में दहशत फैलाने और माहौल बिगाड़ने वाले गैंग लीडर अमृतपाल उर्फ पन्नू समेत 16 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले को कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया। इतना ही नहीं कांग्रेस ने मानसून सत्र के दौरान गैरसैंण में सदन के भीतर हंगामा किया। जिसके चलते सदन की कार्यवाही जल्द ही समेट दी गई।
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