अल्मोड़ा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली में 4 अप्रैल को आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन परियोजना अंतर्गत प्लास्टिक से बहुमूल्य ग्राफीन तैयार करने के अनुसंधान की सराहना की गई। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मंत्रीगणों और अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा से एनएमएचएस नोडल अधिकारी एवं प्रभारी निदेशक इ किरीट कुमार और वैज्ञानिक इं० आशुतोष तिवारी आदि ने शिरकत की। इस अवसर पर प्लास्टिक को लेकर हरित प्रयासों की श्रेणी में देश भर में चल रहे अनुसंधानों और प्रयोगों की प्रदर्शिनी भी लगाई गई। संस्थान की ओर से नैनीताल में कुमाऊँ विश्वविद्यालय में चल रही एनएमएचएस परियोजना की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।
पर्यावरण मंत्रालय की संयुक्त सचिव मंजू पाण्डे ने बताया कि एनएमएचएस परियोजना अंतर्गत कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनो टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. नव गोपाल साहू के मार्गनिर्देशन में पहली बार प्लास्टिक से ग्राफीन बनाने और इसके औद्योगिक करार करने में सफलता मिली है। इस परियोजना के तहत प्लास्टिक कचरे को शोधित करने और उससे ग्राफीन और ईंधन तैयार करने वाली मशीन का भी विकास किया गया। जिसे स्वयंभू डब्लूआरएम 2021 नाम दिया गया है। इस तकनीक का भारत सरकार के नेशनल रिसर्च टेव्लपमेंट कार्पोरेशन के माध्यम से औद्योगिक करार भी हो चुका है। इस कार्य में अनेक पुरस्कारों के साथ पेटेट लेने में भी सफलता मिली है और ग्राफीन से अनेक नए उत्पाद व अनुप्रयोगों की दिशा में अनुसंधान जारी है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भूपेंद्र यादव द्वारा भारत में प्लास्टिक प्रबंधन को लेकर हरित पहल प्रकृति का भी शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन को लेकर व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है। इस अवसर पर देश भर में प्लास्टिक उपयोग की स्थिति पर डेसबोर्ड, उत्पादकों की जवाबदेही को बढ़ाने इससे जुड़ी शिकायतों के निपटान हेतु मोबाईल एप व इसकी निगरानी के साथ प्लास्टिक से ग्राफीन बनाने के प्रयासों को वृहद औद्योगिक रूप देने की बात कही गई।
मंत्रालय राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन तनमय कुमार, पूर्व एनआरडीसी अधिकारी अमित रस्तोगी, जलशक्ति मंत्रालय के सचिव दिनी महाजन, पर्यावरण मंत्रालय की सचिव लीना नंदन, पंचायती राज सचिव सुनील कुमार, डॉ प्रशांत आदि ने एनएमएचएस परियोजना से शुरू हुए इस स्टार्ट अप की सराहना की।
नैनीताल से हैक्जार्प इंडस्ट्री नैनीताल के अक्षत साह, उत्तरापथ सेवा संस्थान के आर एम पंत ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की संस्थान की ओर से इस अवसर पर रिंगाल व अन्य उत्पादों की प्रदर्शिनी भी आयोजित की गई।
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