अल्मोड़ा: उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, अल्मोड़ा के सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक द्वारा उत्तराखंड सरकार द्वारा राजकीय सेवा में 6 महीने की हड़ताल पर रोक लगाने के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अब सरकार बताए कि कार्मिको शिक्षकों की मांगो का निस्तारण किस ढंग से होगा।
पाठक ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शन आंदोलन ही एकमात्र विकल्प होते हैं, उन पर रोक लगाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उत्तराखंड राज्य को बनाने के लिए शिक्षकों, कार्मिको द्वारा 94 दिन की हड़ताल की गई थी। लेकिन आज शिक्षकों, कार्मिको को ही हाशिए पर खड़ा कर दिया गया है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी कार्य पर तत्पर कार्मिको, शिक्षकों के साथ उत्तराखंड में दोहरा व्यवहार बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
पाठक ने कहा कि सरकार मांगों को पूरा करने के बजाय अलोकतांत्रिक तरीके से सही आवाज़ को दबाने का कार्य कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
जिला अध्यक्ष डा. मनोज कुमार जोशी द्वारा भी इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और मांग की है कि सभी संगठनों की मांगों पर लोकसभा चुनाव से पूर्व शासनादेश जारी किया जाय।