अल्मोड़ा। लेखक नवीन जोशी को 15वां अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान से नवाजा गया। बीते 17 नवंबर को मुजफ्फरपुर (बिहार) क्लब रोड स्थित एक होटल में उन्हें यह सम्मान उनके नवीनतम उपन्यास देवभूमि डेवलपर्स के लिए दिया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होने पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी समेत कई लोगों ने उन्हें बधाई प्रेषित की है।
यह उपन्यास उत्तराखंड की भूमि पर नेताओं, ठेकेदारों और बिचौलियों के सहयोग से कॉर्पोरेट्स द्वारा कब्जा जमाने की कहानी को प्रस्तुत करता है। इसमें जन-आंदोलनों और उनके आंतरिक अंतर्विरोधों को भी प्रभावशाली ढंग से उजागर किया गया है। सम्मान के तौर पर उन्हें प्रशस्ति- पत्र, मोमेंटो और 21 हजार की राशि प्रदान की गयी। प्रशस्ति- पत्र का वाचन मनोज कुमार वर्मा ने किया।
कार्यक्रम में नवीन जोशी ने कहा कि खड़ी बोली हिंदी के लिए संघर्ष करने वाले अयोध्या प्रसाद खत्री के नाम पर सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। उन्होंने देवभूमि डेवलपर्स उपन्यास की जमीन पर विस्तार से चर्चा की। देवभूमि डेवलपर्स इन्हीं विषयों को लेकर लिखा गया है। उत्तराखंड की महिलाओं ने जानवरों के चारे, चूल्हे की लकड़ी और पानी के लिए जिन तकलीफों को झेला है, उसे उपन्यास में स्थान दिया गया है।
उत्तराखंड के संघर्षों की कहानी है देवभूमि डेवलपर्स
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कहानीकार अवधेश प्रीत ने देवभूमि डेवलपर्स उपन्यास पर विस्तृत रूप से अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि यह उपन्यास जनसंघर्षों का दस्तावेज है। इस उपन्यास के सभी पात्र यथार्थ से जुड़े हैं। यहां होने वाले आंदोलन को मीडिया में जगह नहीं मिलती थी। नैनीताल समाचार ही था, जो जनसंघर्षों की खबरें प्रकाशित किया करता था। पर्वतीय समाज के साथ सरकार द्वारा बार-बार दुर्व्यवहार ने आंदोलन की जमीन तैयार की और उत्तराखंड की मांग बढ़ने लगी। उत्तराखंड के संघर्षों की पूरी कहानी इस उपन्यास में है। इसे बहुत शोध के साथ लिखा गया है। लोगों को उजाड़ना ही विकास है क्या, यही उपन्यास का संदर्भ है। अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति समिति के अध्यक्ष डॉ रवींद्र कुमार रवि ने खत्री स्मृति सम्मान पर अपनी बात रखी।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि नवीन जोशी का उपन्यास देवभूमि डेवलपर्स यहां के प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल, जमीन पर माफिया, पूंजीपतियों, ठेकेदारों, दलालों की लूट खसोट व आंदोलनों के उभार, अंतर्विरोधों का सजीव चित्रण करता है। जिसको पढ़ना हाल के जीवंत घटनाक्रमों, इतिहास से रूबरू होने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि लेखक नवीन जोशी को पत्रकारिता व साहित्य के लिए अनेक सम्मान मिलते ही रहे हैं। लेकिन देवभूमि डेवलपर्स को मिला सम्मान देश व दुनिया को उत्तराखंड राज्य के सपनों व उसके यथार्थ की विसंगतियों को देश व दुनिया के सामने लाने की अच्छी कोशिश है।
मूल रूप से पिथौरागढ़ गणाई गंगोली के ग्राम रैंतोली निवासी नवीन जोशी जी की शिक्षा दीक्षा लखनऊ में हुई। उन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित अखबारों में संपादक रहते हुए पत्रकारिता में विशिष्ठ पहचान बनाई। उत्तराखंड के प्रमुख जन आंदोलनों, चिपको, नशा नहीं रोजगार दो, टिहरी बांध आंदोलन और नैनीसार जैसे आंदोलनों से उनका गहरा संबंध रहा है। उनके उपन्यासों में उत्तराखंडी जन जीवन, रीति रिवाज, उसकी सांस्कृतिक परंपराएं स्वाभाविक रूप से उभर कर आती हैं। उनका दूसरा उपन्यास टिकटशुदा रुक्का उत्तराखंड के एक युवक के त्रासद बचपन के साथ उसकी जिजीविषा और सपनों की असीमित उड़ान को बड़ी संवेदना और संलग्नता के साथ प्रस्तुत करता है।
उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी, पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, महासचिव नरेश नौड़ियाल, दिनेश उपाध्याय, आनंदी वर्मा, भावना पांडे, गोपाल राम, किरन आर्या समेत कई लोगों ने उन्हें बधाई प्रेषित की है।