इंडिया भारत न्यूज़ डेस्क। साइबर अपराधी लोगो को ठगी का शिकार बनाने में दिन-ब-दिन और चालाक हो रहे हैं। इंटरनेट, सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से लोगों के मोबाइल नंबर हासिल कर, अपराधी उन्हें फोन कर आधार नंबर, बैंक खाता और अन्य संवेदनशील जानकारियां मांगते हैं। जागरूकता की कमी के कारण लोग इन जालसाजों के झांसे में आकर ठगे जाते हैं।
इस बार साइबर ठगों ने एक प्रशासनिक अधिकारी को अपना निशाना बनाया है। उनसे गोल्ड माइनिंग के नाम पर अलग-अलग दिन कुल 1.18 करोड़ से अधिक रुपये की ठगी की गई। पीड़ित ने साइबर थाना में तहरीर सौंप उसकी रकम वापस दिलाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
पुलिस लाइन अल्मोड़ा के पास रहने वाले प्रशासनिक अधिकारी ने साइबर थाना पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया कि इसी साल 4 अगस्त को उसके मोबाइल पर एक अज्ञात महिला की व्हाटसएप काल आई। जब उन्होंने काल नहीं उठाया तो उसे व्हाटसएप पर मैसेज कर बताया कि उनका गोल्ड माइनिंग का काम है। बाद में व्हाटसएप काल कर बताया कि वह मुंबई में है और वर्तमान में फारेक्स ट्रेड में कार्य किया जाता है। इसी तरह ठगों ने अधिकारी को अपने जाल में फंसाया।
महिला ने पीड़ित को बताया कि उनकी कंपनी का नाम गोल्डन ब्राइडज इन्वेस्टमेंट है। उसका काम मेल आईडी बनाकर ग्राहकों का खाता बनाना है। बाद में ग्राहक सर्विस से खाता लेना होता है और गोल्ड माइनिंग एवं ट्रेंड के माध्यम से धनराशि लगाकर इन्वेस्टमेंट किया जाता है। जिसके बाद उसने उसकी मेल आईडी मांगते हुए खाता आईडी बनाई। और उनकी धनराशि तेजी से बढ़ने का लालच दिया।
पीड़ित का कहना है कि इसके बाद उन्होंने चार अगस्त 2025 से 12 अक्टूबर 2025 तक 1 करोड़ 18 लाख 28 हजार 672 रुपए इन्वेस्ट किए। जब उसने खाते से रुपए निकालने का आवेदन किया तो बताया गया कि 18 प्रतिशत जीएसटी 42 लाख रुपए जमा करने होंगे। इस पर उसे शक हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है।
साइबर थाना प्रभारी अरूण कुमार ने बताया कि पीड़ित अल्मोड़ा जिले में तैनात है। तहरीर पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों से ऐसे फ्रॉड से सतर्क रहने की अपील की है।
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