अल्मोड़ा: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान बटाने के लिए समान नागरिक संहिता का राग अलाप रही है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने यहां कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे प्रदेश में यदि यह विधेयक सभी लोगों पर लागू नहीं हो सकता तो इसे समान नागरिक संहिता कहना बेईमानी होगी। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार समानता की समर्थक है तो उसे समान शिक्षा, समान स्वास्थ्य सुविधाएं, समान कार्य के लिए समान वेतन और सबको समान रूप से एक जैसी पेंशन की व्यवस्था करनी चाहिए।
जारी बयान में उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी, महंगाई, प्राकृतिक संसाधनों पर पूंजीपतियों, माफियाओं के अधिकार से यह हिमालयी राज्य बर्बाद हो रहा है। उत्तराखंड की खेती, किसानी चौपट हो रही है। पलायन, विस्थापन व ठेके की नौकरियों व बढ़ते नशे से युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है और सरकार इस और ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में इन सबसे ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार समान नागरिक संहिता का मुद्दा उछाल रही है, जनता को इस साजिश को ठीक से समझने की जरूरत है।