इंडिया भारत न्यूज़ डेस्क: अल्मोड़ा की जेल इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियों में रहने की वजह जानेंगे तो आप भी जेल प्रशासन व वहां बंद कैदियों की तारीफ करेंगे। जो हाथ कभी अपराध के लिए उठे थे आज वह जेल के अंदर मशरूम का उत्पादन कर रहे है। जेल प्रशासन की इस पहल ही चहुंओर तारीफ हो रही है।
ऐतिहासिक जेलों में शुमार अल्मोड़ा की जिला जेल में बंद कैदियों ने मशरूम उगाकर सबको चौका दिया। जेल के अंदर दो छोटे छोटे कमरों में मशरूम की खेती की जा रही है। जिसके लिए पूर्व में कैदियों को प्रशिक्षण दिया गया। अपने हुनर के दम पर कैदी इस पहल में खरे उतरे। जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया कि पूर्व में कैदियों को मशरूम उत्पादन की बारीकियां सिखाई गई। जिसके बाद जेल के दो कमरों में मशरूम की खेती करनी शुरू की। जिसमें कैदियों के प्रयास सफल हुए और अब तक 86 किलो मशरूम का उत्पादन किया जा चुका है। जिसे पैकिंग कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता है।
जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है ताकि वो जेल से रिहा हो तो उनके पास एक हुनर हो जिसे बाद में वह अपनी आजीविका का साधन बना सके।
दरअसल, कैदियों को मशरूम उत्पादन की बारीकिया सिखाने में प्रीति भंडारी का बड़ा योगदान है। कुमाउं क्षेत्र में ‘मशरूम लेडी’ के नाम से मशहूर प्रीति भंडारी ने पिछले कई सालों से मशरूम की खेती कर रही है। उत्तराखंड के अलावा वह कई राज्यों में कास्तकारों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दे चुकी है।
प्रीति भंडारी ने बताया कि जेल प्रशासन के अनुरोध पर उन्होंने कैदियो को मशरूम की खेती का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। जेल प्रशासन की इस पहल से उन्हें भी काफी फायदा हुआ। अब उन्हें उत्तराखंड के अन्य जेलों से भी प्रशिक्षण के लिए फोन आने लगे है।
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