इंडिया भारत न्यूज डेस्क: बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में एक बार फिर वीआईपी गेस्ट का नाम मिस्ट्री बनता जा रहा है। जिस वीआइपी के नाम से हत्या का तानाबाना बुना गया उससे पर्दा उठपाना कहीं न कहीं नामुमकिन लग रहा है।
18 सितंबर के पौड़ी जिले के वनन्तरा रिजॉर्ट में काम करने वाली अंकिता की हत्या का आरोप रिजॉर्ट के ऑनर पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारी अंकित, सौरभ पर लगा था। जिनको पुलिस ने 22 सितम्बर को अरेस्ट किया। लेकिन आरोपियों से पूछताछ के साथ अंकिता के दोस्त पुष्प की व्हाट्सएप चैटिंग से ये जानकारी सामने आई थी कि अंकिता को रिजॉर्ट में आने वाले किसी वीआईपी के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट देने का दबाव बनाया जा रहा था। जो अंकिता की हत्या का भी कारण बना।
अंकिता की हत्या से जुड़े इन तमाम सवालों का भी जवाब आज तक एसआईटी के पास नहीं है। यही नहीं एसआईटी ने इसके लिए तीनों आरोपियों के नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट से परमिशन तक ली थी, जिसमें कोर्ट ने पुलकित आर्य को सशर्त नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अनुमति भी दी। 1 से 3 फरवरी को मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का पॉलीग्राफ टेस्ट होना था लेकिन टेस्ट से पहले पुलकित ने हाईकोर्ट में एप्लीकेशन लगा दी, जिसमें हाईकोर्ट ने पुलकित के नार्को और पॉलीग्राफ पर रोक लगा दी है। अब जांच टीम 10 फरवरी को इस मामले में अपना पक्ष कोर्ट के सामने पेश करेगी।
नार्को टेस्ट और पोलीग्राफ टेस्ट से कही न कही वीआईपी जैसे सवालों से पर्दा उठ सकता था लेकिन पुलकित की ना, अब एक बार फिर इन सवालों को रहस्य बनाती जा रही है। इन से केसे पर्दा उठेगा ये देखने वाली बात होगी।
एडीजी ने कही ये बात
ADG लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि इसमें अब तक जो जांच हुई थी उसमें ये था कि जो कमरा है उसको वीआईपी कमरा कहते हैं। उसमें जो रहते थे उसको वीआईपी कहते थे, फिर भी हमने और भी जानने के लिए नार्को टेस्ट एप्लीकेशन लगाई, उस पर जो लोकल कोर्ट है उनके भी कुछ सवाल हमको एड करना है। उसको भी हमने मंजूर किया। जो भी कंडीशन थी, उनको स्वीकर कर हमने रिक्वेस्ट की थी। जिसके बाद लोकल कोर्ट ने ऑर्डर कर दिया था। इसी बीच आरोपी ने हाईकोर्ट में अपनी एप्लीकेशन लगाई एप्लीकेशन अभी हमारे पास नहीं आई है, अगली तिथि जब हाईकोर्ट की लगेगी तब हम अपनी बात रखेंगे, हाईकोर्ट का जो ऑर्डर होगा उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
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