अल्मोड़ा: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। पर्वतीय जिलों में बाघ व गुलदार खासतौर पर महिलाओं व बच्चों को अपना टारगेट बना रहे हैं। ताजा मामला जिले के सल्ट विकासखंड का है, जहां एक 38 साल की महिला को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। यह क्षेत्र कार्बेट टाइगर रिजर्व से बिल्कुट सटा हुआ है। घटना के बाद जहां मृतका के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वही, ग्रामीणों में भयंकर आक्रोश है। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मरचूला-रामनगर हाईवे में करीब 6 घंटे तक शव के साथ प्रदर्शन किया।
सल्ट विकासखंड की झडगांव ग्राम पंचायत के तया मल्ला तोक निवासी यशवंत सिंह की 38 वर्षीय पत्नी कमला देवी बीते रोज अपने घर से कुछ दूरी पर खेतों में गई थी। लेकिन देर शाम तक महिला घर नहीं लौटी तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। अनहोनी की आशंका के बीच इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के साथ परिजनों व ग्रामीणों ने देर रात तक सर्च आपरेशन चलाया। लेकिन महिला का कोई सुराग नहीं लगा।
महिला की तलाशी के लिए सुबह फिर सर्च आपरेशन चलाया गया। घर से कुछ दूरी पर ही बदनगढ़ नाले की ओर महिला का शव मिला। मृतका के गले में दांत के निशान है और घटनास्थल पर बाघ के बार भी गिरे मिले। इससे माना जा रहा है कि महिला को बाघ ने ही अपना शिकार बनाया है।
घटना की सूचना कुछ ही देर में पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। क्षेत्र में बाघ के अटैक की लगातार बढ़ती घटनाओं पर ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। आक्रोशित ग्रामीण महिला के शव को लेकर मरचूला चौकी जा धमके और पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा व घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर मरचूला-रामनगर हाईवे में बीच सड़क में शव को रखकर ग्रामीण प्रदर्शन करने लगे।
करीब 6 घंटे तक ग्रामीणों ने हाईवे को जाम किया। जिससे प्रशासन व वन विभाग के हाथ पांव फूल पड़े। इस दौरान हाईवे में दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही। जिसके बाद आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि, बाद में अधिकारियों के आश्वासन व समझाने के बाद ग्रामीण सड़क से उठे। एसडीएम सल्ट गौरव पांडे ने बताया कि समझाने के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। मामले में उचित कार्यवाही के लिए वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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