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बोलियों की एकरूपता से ही भाषा का विकास सम्भव

कुमाऊंनी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किये जाने को वक्ताओं ने रखे विचार

अल्मोड़ा। कुर्मांचल अखबार द्वारा नगर पालिका परिषद के स्व. विजय जोशी सभागार में कुमाऊंनी भाषा संस्कृति, संरक्षण, सुझाव को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कुमाऊंनी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर कई सुझाव रखे।

 

वक्ताओं ने भाषा की एकरूपता, कुमाऊनी भाषा लिपि की स्पष्टता, भाषा को आठवीं अनुसूची में स्थान देने, सामाजिक स्तर पर भाषा की महत्ता बढ़ाने, विद्यालयों में कुमाऊंनी भाषा में बातचीत को प्रेरित करने, विद्यालयी छात्रों को घर में कुमाऊंनी भाषा को उपयोग के लिए प्रेरित करने, विभिन्न भाषाओं में भेद तथा उपयोग का तरीका सीखने तथा स्थानीय बोली के साहित्य का विकास करने जैसे कई अहम सुझाव रखे।

इसके अलावा सरकार को सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए जाने वाले नोटिस बोर्डो में कुमाऊनी को शामिल किए जाने का सुझाव भी वक्ताओं ने रखा। संगोष्ठी में आये सुझाव को बजट सत्र के लिए सरकार को भेजे जाने का निर्णय लियक गया।

इस दौरान कुमाऊंनी साहित्यकार श्याम सिंह कुटौला, डॉ. धारा बल्लभ पांडे, आनंद सिंह बिष्ट, संस्कृति कर्मी विमला तिवारी, प्रभा पांडे, प्रमोद बिष्ट, शालिनी तिवारी, कमल जोशी खुशी, प्रमोद तिवारी, रेणुका पांडे, एडवोकेट निखिल टम्टा, युवम बोरा आदि ने अपने विचार रखें।

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