अल्मोड़ा: देहरादून में भर्ती घोटाले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान के बाद प्रदेश में राजनीति गरमाई हुई है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के माफी वाले बयान के बाद कांग्रेस उन पर हमलावर है और उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान गैरसैंण में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर माफी मांगने की बात कर रही है।
इस मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, गैरसैंण में लाठीचार्ज नहीं हुआ था बल्कि सिर्फ लाठियां फटकारी गई थीं। किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई थी। उन्होंने कहा कि देहरादून लाठीचार्ज मामले की गैरसैंण से तुलना करना उचित नहीं है।
मालूम हो कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में अपने श्रीनगर भ्रमण के दौरान देहरादून में बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर माफी मांगी थी। बकौल त्रिवेंद्र, ‘राज्य का पूर्व सीएम होने व जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं इस घटना के लिए माफी मांगता हूं। यह नहीं होने चाहिए था। अगर युवाओं से थोड़ी गलती हुई भी थी तो उसे अनदेखा किया जा सकता था। बल प्रयोग से बचना चाहिए था।’
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के इस बयान के बाद कांग्रेस ने उन पर तंज कसा है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि, जिनके घर शीशे के होते है वह दूसरों पर पत्थर नहीं मारते। दसौनी ने कहा कि बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगने वाले त्रिवेंद्र रावत पहले अपने कार्यकाल के दौरान गैरसैंण में महिलाओं पर किए गए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगे।
ये था मामला-
1 मार्च 2021 को गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग के लिए प्रदर्शनकारी विधानसभा कूच कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आधे रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौंछार की। इसके बाद भी स्थिति नहीं संभली तो पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। प्रदर्शन के दौरान बसंती देवी समेत कुछ आंदोलनकारियों को चोटें आई थी। साथ ही कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश किए थे। एडीएम इसके जांच अधिकारी नामित किए गए थे। हालांकि, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमें धामी सरकार में वापस ले लिए गए।
गैरसैंण लाठीचार्ज मामले के कुछ समय बाद ही भाजपा ने उत्तराखंड में अपना नेतृत्व परिवर्तन किया था। जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। जिसके बाद तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी।
गैरसैंण के कार्यों को आगे बढाए सरकार: त्रिवेंद्र
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे उस समय गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था। जिसके बाद उसका गजट भी जारी हो गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा तब सरकार ने राजधानी के विकास के लिए एक पैकेज की भी घोषणा की थी। जिसे सरकार को आगे बढ़ाना चाहिए। वही, स्थायी राजधानी के सवाल पर वह बहुत कुछ कहने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि अभी जो है उसे आगे बढ़ाया जाए।
बड़े शहरों ने नियोजित विकास की जरूरत
जिला विकास प्राधिकरण पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि कई बार सरकार जो योजना बनाती है लोग उसे समझ नहीं पाते है और सरकार भी उसे जनता को समझा नहीं पाती है। जिस कारण उसका अनावश्यक विरोध होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जिस तरह की भौगोलिक व भू्गर्भीय परिस्थितियां हैं उसे ध्यान में रखकर आज नियोजित विकास की जरूरत है। बड़े शहर लगातार अव्यवस्थित होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि शहरों का ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम ठीक नहीं होगा तो वह लोगों को नुकसान पहुंचाएगा। इसी सोच के साथ उनकी सरकार ने प्राधिकरण का गठन किया था।
कुमाऊं दौरे पर हैं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों कुमाऊं भ्रमण पर है। बागेश्वर जिले के दौरे के बाद सोमवार को वह कौसानी, सोमेश्वर व कोसी में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद अल्मोड़ा सर्किट हाउस पहुंचे। जहां बड़ी संख्या में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संक्षिप्त बैठक कर कई मुद्दों पर चर्चा की। जिसके बाद वह नैनीताल के लिए रवाना हुए।
इस दौरान नगर अध्यक्ष अमित साह, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, डीसीबी अध्यक्ष ललित लटवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष लीला बोरा, नगर महामंत्री मनोज जोशी, अर्जुन बिष्ट, सौरभ वर्मा, जगत भट्ट, अजय वर्मा, मनीष जोशी समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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