नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। एक दिन पहले सूरत कोर्ट ने उन्हें मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी।
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।
क्या है कानून?
बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा।
2019 में दी थी विवादित टिप्पणी
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल, 2019 को चुनावी रैली में विवादित टिप्पणी की थी। कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अपनी इस शिकायत में BJP MLA ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता ने पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है?
हमसे व्हाट्सएप पर जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/
India Bharat News Latest Online Breaking News