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पेंशन संवैधानिक मार्च: जिला मुख्यालय में गरजे ​कर्मचारी… कहा- नई पेंशन स्कीम सही तो पहले विधायकों व सांसदों पर हो लागू

अल्मोड़ा: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कार्मिकों ने सरकार के साथ आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है। ओपीएस बहाल करने की मांग को लेकर कार्मिक लगातार आंदोलनरत है। कर्मचारियों के आंदोलन ने सरकार के माथे पर बल ला दिया है। जिला मुख्यालय में रविवार को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के बैनर तले हुए पेंशन संवैधानिक मार्च निकाला गया। अपने हक के लिए सैकड़ों की तादात में कार्मिक इस संवैधानिक मार्च में हिस्सा लेने पहुंचे। कार्मिकों ने पुरानी पेंशन बहाल होने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया।

इससे पूर्व नंदादेवी मंदिर परिसर में आयोजित सभा ने वक्ताओं ने कहा कि पेंशन कार्मिकों के भविष्य की गारंटी है। लेकिन सरकार ने कार्मिकों की मेहनत की कमाई को पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है। उन्होंने कहा की सरकार कहती है कि पेंशन लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था खतरे में आ जाएगी। लेकिन दूसरी ओर पूंजीपतियों के हजारों करोड़ो के ऋण माफ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा की नई पेंशन स्कीम अगर इतनी ही अच्छी व्यवस्था है तो सबसे पहले इसे विधानसभा और संसद के सदस्यों पर लागू किया जाए।

जिलाध्यक्ष गणेश भंडारी, मंत्री भूपाल सिंह चिलवाल, मनोज कुमार जोशी, धीरेंद्र कुमार पाठक, पुष्कर भैसोड़ा, कुलदीप जोशी, डॉ. कैलाश डोलिया, भारतेंदु जोशी, कुलदीप बिष्ट, प्रेमप्रकाश जोशी, राजेंद्र सिंह घुगत्याल, गोपाल सिंह रावत, नवीन जोशी, मनोज पाठक, मोहन चंद्र जोशी, वीरेंद्र रावत, जीवन मेहरा, कैलाश जोशी, अजरा परवीन, केशव जोशी, बसंत बल्लभ पांडे, मनोज शर्मा, नितेश कांडपाल, डॉ. गिरिजाभूषण जोशी, नितेश कांडपाल, मोहन सिंह बिष्ट, रमेश मेहरा, हिमांशु तिवारी, प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष किशोर जोशी, मंत्री जगदीश भंडारी, संजय बिष्ट, युगल मठपाल, डी.के जोशी, मीनाक्षी जोशी, रजनीश जोशी, गोकुल मेहता, मंजू शर्मा, मीना शर्मा, जी एस नैनवाल, रितेश मेहरा, शीतल सत्यपाल, भास्कर जोशी, सुरेश डंगवाल, गणेश भट्ट, प्रफुल्ल जोशी, कुलदीप सिंह अलमिया, दीपक तिवारी ने सभा को संबोधित किया।

प्रदेश कोर कमेटी सदस्य धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाली नहीं होगी तब तक आंदोलन चलता रहेगा। पाठक ने कहा कि वर्ष 1947 आजादी के बाद से 2005 तक पुरानी पेंशन मिलती रही और 2005 के बाद पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद कर दी गई। सरकार ने कभी राजकोषीय घाटे की स्थिति स्पष्ट नहीं की। जब कार्मिक 10 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं और सरकार 14 प्रतिशत अंशदान दे रही है तब भी पुरानी पेंशन क्यों बहाल नहीं की जा रही है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक पुरानी पेंशन लेते हैं और कार्मिकों को पुरानी पेंशन देने में परेशानी क्यों है। सरकार एक देश में दो विधान लागू नहीं कर सकती है। भारत के संविधान के तहत पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल होनी चाहिए।

धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि सरकार को गंभीर चिंतन करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करनी चाहिए। डॉ. मनोज कुमार जोशी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक आंदोलन जारी रहेगा। पुष्कर सिंह भैसोड़ा जिला अध्यक्ष फैडरेशन ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था सरकार को बहाल करनी चाहिए ताकि संविधान की व्यवस्था भी कायम रहे। संचालन धौलादेवी ब्लॉक संयोजक राजू महरा ने किया।

जुलूस के बाद पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया।

इस मौके पर बृजेश डसीला, पूरन चंद्र पांडेय, तारा बिष्ट मीनाक्षी जोशी, ललित मोहन जोशी, राधा लसपाल, सुनीता महर, मीना गिरि, निर्मला मेहता, जानकी बिष्ट, अंजली साह, मेघा मनराल, हर्षलक्ष्मी, ऋतु तिवारी, नीमा महरा, रेखा गोस्वामी, देवेश बिष्ट, जीवन लाल साह, हरीश भंडारी, बसंत भट्ट, आनंद पाटनी, बीना तिवारी, महिपाल बनकोटी, अनिल कुमार, उमेश लोहनी, त्रिभुवन बिष्ट, त्रिवेंद्र सिंह, रमा मेहता, बसंत कांडपाल, संजय मेहता, बसंत कांडपाल, मनोज बिष्ट, प्रमोद मेहरा, भुवन जोशी, प्रतिभा कांडपाल, दीप्ति जोशी, सुनीता मेर सहित सैकड़ों कार्मिक मौजूद रहे।

 

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