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अल्मोड़ा: माफिया राज व भू माफियाओं के खिलाफ लोगों में आक्रोश… सड़कों पर उतरा जनसैलाब

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में जमीनों की बड़े पैमाने पर हो रही खरीद फरोख्त को लेकर शनिवार को जन संगठनों ने संयुक्त रूप से भू माफियाओं व माफियाराज के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। जिसमें प्रदेश के कई जिलों के जन संगठनों से जुड़ें लोगो ने शिरकत की। पूर्व में घोषित कार्यक्रम के अनुसार गांधी पार्क में तमाम संगठनों ने जनगीतों, नारों के साथ जनसभा की। जिसके बाद प्रदर्शनकारी, ‘भू माफियाओं की कब्र बनेगी उत्तराखंड की छाती पर’, ‘जल जंगल जमीन हमारी नहीं सहेंगे धौंस तुम्हारी’ जैसे नारों से माल रोड, मिलन चौक व मुख्य बाजार से होते हुए वापस गांधी पार्क पहुंचे। इस दौरान काफी तादात में पुलिस बल तैनात रहा।

जनसभा को संबोधित करते हुए रैली के मुख्य संयोजक उपपा अध्यक्ष पी.सी तिवारी ने ने कहा कि उत्तराखंड में भू माफियाओं को दखल तेजी से बढ़ रहा है। भू माफिया नगरों से लेकर गांव तक बड़े पैमाने पर जमीन कब्जा रहे है। भ्रष्ट नौकरशाहों, पूंजीपतियों, माफियाओं को मिल रहे राजनीतिक संरक्षण से उत्तराखंड अपराध अराजकता के दलदल में फंस गया है। जिससे मुक्ति के लिए सीधी लड़ाई जरूरी हो गई है। जिससे राज्य के लोगों में भयंकर आक्रोश है। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार में लाये गए भूमि खरीद कानूनों को वापस लेने समेत माफियाओं व भ्र्ष्ट अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

जनसभा को सालम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रावत, झालडुंगरा के दीवान सिंह बिष्ट, एडवोकेट जीवन चंद्र, ईश्वरी दत्त जोशी, उपपा के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील साह, लोक कलाकार महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल चम्याल, उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष पूरन रावल, सद्भावना यात्रा के भुवन पाठक, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित, परिवर्तन कामी छात्र संगठन के महेश, विशाल गुप्ता, उत्तराखंड छात्र संगठन की भावना पांडे, भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा के विनोद बिष्ट समेत तमाम लोगों ने संबोधित किया।

कार्यक्रम के समापन पर जिला प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारी संदर गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार कुलदीप पांडे ने गांधी पार्क में आकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लिया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि राज्य बनने के बाद भूमि बंदोबस्ती ना होने से पीढ़ियों से पर्वतीय क्षेत्रों का आधार रही कृषि चौपट हो गई है, गांव खाली हो गए हैं, बेरोजगारी चरम पर है जिसके कारण भू माफियाओं की पहुंच गांव गांव तक हो गई है। जिससे उत्तराखंडी अस्मिता तार तार हो रही है।

ये हैं मांगें-

ज्ञापन में सरकार से त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा कृषि भूमि की असीमित खरीद के काले कानून को तत्काल वापस लेने, भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा प्रभावशाली लोगों को जमीनों के उपयोग की अनुमति के दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच कर जमीने जब्त करने, उत्तराखंड के हितों के संरक्षण के लिए पर्वतीय क्षेत्रों को संविधान की धारा 371 का संरक्षण प्रदान करने, बेनाप में वर्गीकृत भूमि को समाज को सौंपने, भूमि की बंदोबस्ती व चकबंदी करने, सशक्त भू कानून से बाहरी लोगों पर कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगाने, सौर ऊर्जा के नाम पर बाहरी कंपनियों द्वारा लीज पर जमीन में कब्जे की व्यवस्था समाप्त करने, भनोली झाल डुंगरा में सन लेयर कंपनी के घपले घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कर उनकी लीज निरस्त करने, वन पंचायतों के लिए अलग अधिनियम बनाने, भू माफियाओं के खिलाफ समान रूप से सख्त कार्यवाही करने, अल्मोड़ा जिले में अपराध अराजकता का केंद्र हो गई प्लीजेंट वैली को तत्काल जब्त करने की मांग की गई।

इन संगठनों ने की भागीदारी-

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, भूमि बचाओ संघर्ष समिति फलसीमा, भूमि बचाओ संघर्ष समिति चितई, नानीसार बचाओ उत्तराखंड बचाओ संघर्ष समिति, वन पंचायत संघर्ष समिति, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड, उत्तराखंड लोक वाहिनी, व्यापार मंडल अल्मोड़ा, लोक कलाकार महासंघ उत्तराखंड, विहान मंच, कुमाऊनी भाषा साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति, बस्ती बचाओ संघर्ष समिति, नगीना कॉलोनी संघर्ष समिति लाल कुआं, पछास हल्द्वानी, उत्तराखंड छात्र संगठन, ग्रामीण सेवा संगठन सुनौली, इंकलाबी मजदूर केंद्र रामनगर, सद्भावना यात्रा उत्तराखंड समेत अनेक संगठन शामिल रहे।

ये रहे मौजूद-

इस दौरान समाजवादी नेता वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद लाल वर्मा, पत्रकार नवीन बिष्ट, देवेंद्र भट्ट, भास्कर भौर्याल, कवि हर्ष जोशी, डॉ. हयात सिंह रावत, उपपा महासचिव एडवोकेट नारायण राम, दिनेश उपाध्याय, महिला हाट के राजू कांडपाल, भुवन वर्मा, चितई के पंकज कुमार, धौलादेवी से कौस्तुभानंद, बसंत खनी, राम सिंह, संस्कृति कर्मी देवेंद्र, आनंदी वर्मा, डॉ. जे.सी दुर्गापाल, चंपा सुयाल, हीरा देवी, राजू गिरी, मनीषा, अमीनुर्रहमान, मोहम्मद वसीम, भावना मनकोटी, प्रकाश चंद्र, महिला समिति की मंजू पंत, मोनिका दानू, हेमा पांडे, गिरधारी कांडपाल, हेम पांडे, देवेंद्र सिंह पिलखवाल, पूरन सिंह गैलाकोटी, गोपाल, धीरेंद्र मोहन पंत, पूरन चंद्र तिवारी, एडवोकेट रमाशंकर नैनवाल, एडवोकेट मनोज पंत, दीपांशु पांडे समेत सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल रहे।

अल्मोड़ा में आयोजित प्रदर्शन के समर्थन में आज गोपेश्वर, देहरादून समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ज्ञापन व धरने के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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